बहुत से युवाओं का सपना जज बनना होता, जज बनकर शानदार सैलरी, सम्मान और पावर सब कुछ मिल जाता है। जज बनने के लिए सबसे पहले लॉ ग्रैजुएट यानी LLB किया होना चाहिए, 5 साल की integrated LLB की डिग्री हो या ग्रेजुएशन के बाद 3 साल। इसके साथ ही बार काउंसलिंग में Advocate के रूप में रजिस्ट्रेशन भी कराना है, कई राज्यों में कुछ साल प्रैक्टिस करने का अनुभव भी मांगा जाता है। इसके साथ ही उम्र 22 साल हो गई है तो सिविल जज बनने के लिए PCS-J के फॉर्म भरे जा सकते हैं। आइए जानते हैं कि जज बनने की प्रक्रिया क्या है, आज इस लेख में हम आपको जज को मिलने वाली सभी सुविधाएं और उसकी सैलरी के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं आइए जानते हैं-
जज बनने की प्रक्रिया के लिए 3 चरण-
सिविल जज बनने की प्रक्रिया के लिए 3 चरण होते हैं, सबसे पहले परीक्षा देनी पड़ती है, उसके बाद मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू होता है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की PCS-J की प्रारंभिक परीक्षा 450 नंबर की होती है, हालांकि सभी राज्यों में यह अलग-अलग हो सकते हैं इसके लिए नोटिफिकेशन देखना होगा।
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सिविल जज भर्ती के लिए उम्र की सीमा-
UP में सिविल जज भर्ती के लिए उम्र की सीमा 22 से 35 साल है जबकि MP में 21 से 35 साल इसी तरह से अन्य राज्यों में भी उम्र की सीमा अलग-अलग है, फॉर्म भरने से पहले भर्ती नोटिफिकेशन को एक बार जरूर चेक करें। उम्मीदवारों के पास सिविल जज भर्ती के लिए लो में ग्रेजुएशन यानी LLB की डिग्री होनी जरूरी है, इसके साथ ही बार काउंसलिंग में रजिस्ट्रेशन भी होना चाहिए।
सिविल जज की सैलरी-
यूपी में सिविल जज की बेसिक सैलरी 56,100 रुपए, इसके साथ ही महंगाई भत्ता 9,537 रुपए, ग्रॉस सैलेरी 70,000 सिविल जज की इन हैंड सैलेरी 65000 रुपए है। सिविल जज को मिलने वाली सुविधाओं में शामिल है मकान किराया भत्ता, महंगाई भत्ता, सिटी कंपंसेटरी अलाउंस, सरकारी वाहन और रहने के लिए सरकारी आवास।
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