भारत विश्व में सबसे बड़े सड़क नेटवर्क वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका पहले स्थान पर बना हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने बीते आठ वर्षों में 1.45 लाख किलोमीटर तक सड़क नेटवर्क फैलाकर सफलतापूर्वक स्थान सुरक्षित कर लिया है।
नितिन गडकरी ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों को किया साझा:
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने कार्यकाल की उपलब्धियों को साझा करते हुए कहा कि, भारत पिछले नौ वर्षों से राजमार्गों में सुधार और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे तैयार करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और इसके साथ ही वह देश के बुनियादी ढांचे को अगले स्तर तक ले जाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि, भारतीय प्राधिकरण NHA1 दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर पूरे फोकस के साथ काम कर रहा है और भारत की अब तक की सबसे लंबी परियोजना लगभग पूरी हो चुकी है।
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कार्यकाल के दौरान सबसे पहले NHAI पर बनाई पकड़:
गडकरी ने यह भी खुलासा किया कि, उनके नेतृत्व से पहले भारत में केवल 91,287 किमी तक ही सड़क नेटवर्क स्थापित था, लेकिन अपने कार्यकाल के दौरान, मंत्री ने NHAI पर अपनी पकड़ बनाई। जिसमें राजमार्गों और एक्सप्रेसवे का निर्माण, मरम्मत और सुधार कार्य शामिल है। उन्होंने बताया कि NHAI ने देशभर में करीब 30,000 किमी से अधिक राजमार्ग और एक्सप्रेसवे का निर्माण किया है।
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राजस्व संग्रह को 71.30 लाख करोड़ रूपयों तक ले जाने का है लक्ष्य:
उन्होंने यह भी कहा कि, उनके कार्यकाल के दौरान राजमार्गों और सड़कों के निर्माण के राजस्व में भी तेजी से वृद्धि हुई है। पिछले नौ वर्षों में टोल संग्रह मूल्य 4,770 करोड़ रुपये से बढ़कर 41,352 हो गया है और अब आने वाले कुछ सालों में केंद्र सरकार का मुख्य लक्ष्य इस राजस्व संग्रह को 71.30 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने का है। उन्होंने फास्टैग को एक महान प्रणाली के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि, इसने टोल प्लाजा पर लंबी कतारों को कम करके राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के भविष्य को एक नया आकार दिया है।