Orbital Rail Line: हरियाणा ऑर्बिटल रेल के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य पूरा कर लिया गया है, जिसमें 5 गांव की 42 एकड़ जमीन शामिल हैं। मुआवजे के तौर पर किसानों को 30 करोड़ रुपए दिए जाएंगे, यह जमीन देहलाका, पृथला, कलवाका, छपरौला और पारौली पटवार से अधिग्रहित की गई है। ऑर्बिटल परियोजना पर हरियाणा रेल इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन काम कर रहा है, रेल लाइन पलवल को गुडगांव, झज्जर, नूंह और सोनीपत के हरसाना कलां से जुड़ेगी।
पेरीफेरल एक्सप्रेसवे के साथ बनाया जाएगा-
इसके साथ ही यह पलवल में दादरी मुंबई डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और दिल्ली-आगरा भारतीय रेलवे को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। यह ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर Eastern Peripheral Expressway के साथ बनाया जाएगा, गाजियाबाद में इस प्रोजेक्ट का करीब 59 किलोमीटर का हिस्सा शामिल किया जाएगा, यहां डासना और मुरादनगर में स्टेशन बनाने का प्लान तैयार किया गया है। इस ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर को हरियाणा और यूपी के बीच तैयार किया जाएगा, जिससे पलवल, नोएडा, डासना, बागपत और सोनीपत को कनेक्टिविटी मिलेगी।
जेवर एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी की मांग-
इस ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर को बनाने के लिए स्पेशल पर्पज वीकल हरियाणा रेल इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन से फिज़िबिलिटी रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। जानकारी के मुताबिक, प्रोजेक्ट को लेकर यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के ओएसडी शैलेंद्र कुमार भाटिया ने ऑर्बिटल रेल के रूट को जेवर एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी देने की मांग की है।
क्या है ऑर्बिटल रेल कॉर्पोरेशन-
हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉर्पोरेशन यात्री और माल यातायात के लिए पलवल-सोहना मानेसर और खरखौदा के रास्ते सोनीपत से जोड़ने वाली एक ब्रॉडगेज (बड़ी लाइनवाली) डबल रेल लाइन है। ये रेल लाइन हरियाणा के स्टेशनों को भारतीय रेलवे से बिना किसी बाधा के कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। जिसमें पृथला स्टेशन के माल कॉरिडोर (DFC), पातली, पलवल, सुल्तानपुर, हरसाना कलां और असौधा स्टेशन शामिल हैं।
औद्योगिक केंद्रों के लिए फायदेमंद-
यह प्रोजेक्ट मानेसर, सुहाना और खरखौदा के औद्योगिक केंद्रों के लिए काफी फायदेमंद होने वाला है। इसके साथ ही इससे क्षेत्र के विकास में भी मदद मिलेगी, हरियाणा और रेल मंत्रालय रेलवे के विस्तारित बोर्ड द्वारा परियोजना को मंजूरी दिए जाने के बाद सरकार से इस परियोजना को मंजूरी मिल चुकी है।
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रेल लाइन की गति-
इस रेलवे लाइन से उत्तर से दक्षिण राज्यों की ओर से आने वाली सुपरफास्ट और माल गाड़ियों को भी रफ्तार मिलेगी। यह भारतीय रेलवे और हरियाणा सरकार की एक संयुक्त परियोजना है, यहां 2024 से 25 मई तक ट्रेन चलाने का लक्ष्य तय किया गया है। सोनीपत से पलवल के बीच चलने वाली रेल लाइन की गति 120 से 160 किलोमीटर प्रति घंटा करने की योजना बनाई गई है। यह परियोजना कुल 130 किलोमीटर लंबी होगी इस रेलवे ट्रैक पर दो रेलवे फ्लाईओवर और 153 रेलवे अंडरपास बनाए जाएंगे।
यात्री ट्रेनों के साथ-साथ माल गाड़ियां भी चलेंगी-
रेल लाइन पर यात्री ट्रेनों के साथ-साथ माल गाड़ियां भी चलेंगी, जो गुड़गांव को सीधे प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ से जुड़ेगी। इस रेल रूट पर दिल्ली को दरकिनार करते हुए शताब्दी सुपरफास्ट एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें चलाई जाएंगी, यह रेल मार्ग राज्य के सभी प्रमुख औद्योगिक शहरों को जुड़ेगा।
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