Jaundice यानी पीलिया में शरीर धीरे-धीरे पीला पड़ने लगता है, क्योंकि जॉइंडिस के दौरान शरीर में बिलीरुबिन का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। बिलीरुबिन एक प्रकार का पित होता है, जोकि वास्तव लाल और नारंगी रंग का होता है। इसके द्वारा हमारे लीवर के अंदर मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को आसानी से बनने में मदद मिलती हैं। जोकि शरीर में ऊर्जा के स्तर बनाए रखने के लिए बड़े अणुओं को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ने का काम करती है।
दरअसल जॉइंडिस की समस्या पित्त बनने से संबंधित होती है। यदि शरीर में किसी भी तरह की प्रक्रिया में कोई बाधा आती है, तो यह प्रक्रिया पीलिया की समस्या को जन्म दे देती हैं। बारिश के दिनों में बासी खाना खाने से पीलिया की समस्या हो सकती हैं, क्योंकि आजकल भोजन में वातावरण के बदलाव के कारण जल्दी बैक्टीरिया और वायरस अपना घर बना लेते हैं और जब हम दूषित भोजन खाते हैं और सावधानी नहीं बरतते तब हमारे शरीर में बिलीरुबिन बनने के बाद पित्त की नलियों में बाधा उत्पन्न करता है। जिसकी वजह से हमें जॉइंडिस यानी पीलिया हो जाता है।
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जॉइंडिस के लक्षण-
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि जॉइंट यानी पीलिया से प्रभावित मरीजों में अलग-अलग लक्षण दिखाई देते हैं और कई बार तो रोगी में लक्षण भी नहीं दिखाई देते। जिसकी वजह से उन्हें पता ही नहीं चलता कि उन्हें जॉइंडिसस हुआ है, जिसके कारण धीरे-धीरे पीलिया जानलेवा बीमारी में बदल जाता है। जिसे अच्छा यही हैं, कि समय रहते डॉक्टर इसका इलाज करा लें। अक्सर पीलिया से ग्रसित मरीजों में यह लक्षण दिखाई देते हैं-
पीलिया से ग्रसित मरीज को बुखार में ठंड अधिक लगती है। उन्हें पेट में दर्द रहता है, फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। धीरे-धीरे उनके शरीर रंग बदलना लगता है और पीली पड़ता हुआ नज़र आता है। शरीर की त्वचा के साथ-साथ आंखें और नाखून भी पीली पड़़ने लगती हैं।
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