Kolkata Underwater Metro: कोलकाता इतिहास रचने के लिए बिल्कुल तैयार है, क्योंकि शहर इस साल के आखिर तक भारत की पहली अंडरवॉटर मेट्रो का स्वागत करेगा। कोलकाता मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को दिसंबर तक ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के पहले खंड का पर काम पूरा करने की उम्मीद है। KMRC के MD श्रीवास्तव का कहना है कि एक बार परिचालन शुरू होने के बाद ट्रेन हर 12 मिनट में चलेंगी। जानकारी के मुताबिक, सियालदह-एक्सप्लेनेड खंड में कुछ मुद्दों के कारण सेवाएं सीमित होने वाली है।
विभाग की हरी झंडी मिलते ही सेवा शुरू-
पूर्व पश्चिम कॉरिडोर 16 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। जबकि पहले पानी के नीचे का विस्तार 4.8 किलोमीटर होगा, जो एक्सप्लेनेड क्षेत्र को हावड़ा मैदान से जोड़ेगा। श्रीवास्तव का कहना है रेलवे सुरक्षा आयुक्त नवंबर के अंत में हावड़ा मैदान खंड का निरीक्षण करेंगे। विभाग की हरी झंडी मिलते ही सेवा शुरू हो जाएगी। नदी के नीचे वाले हिस्से में ट्रेन का ट्रायल चल रहा है। हम नवंबर में रेलवे सुरक्षा आयुक्त को निरीक्षण के लिए आमंत्रित कर सकते हैं। संचालन दिसंबर के अंत तक शुरू होना चाहिए।
अस्थाई पटरियां-
उनका कहना है कि KMRC ने 13 अप्रैल को स्पेलेनेड हावड़ा मैदान खंड पर परीक्षण शुरू किया। क्योंकि हावड़ा मैदान के आखिर में स्थिर स्थान की कमी है। परीक्षण कर रहे दो रेक को साल्ट लेक में सेंट्रल पार्क डिपो से ले जाया गया था। रेक को पूर्व की ओर जाने वाली सुरंग के अधूरे अंतराल के माध्यम से अस्थाई पटरियों पर लगाया गया था।
हाई-टेक रेक को नियमित रखरखाव की आवश्यकता-
एक बैटरी लोकोमोटिव BEML रेक को सियालदह एस्प्लेनेड खंड से हावड़ा तक ले जाया गया। KMRC के निदेशक असीम मजूमदार का कहना है कि दोनों रेक को सप्ताह में कम से कम एक बार सेंट्रल पार्क डिपो में स्थानांतरित किया जाएगा। क्योंकि इन हाई-टेक रेक को नियमित रखरखाव की आवश्यकता होती है। कोलकाता मेट्रो अथॉरिटी दिसंबर तक सुरंग को पूरा करने की योजना बना रही है। इस लाइन के बिना सेंट्रल पार्क डिपो से हर हफ्ते रेक का परिवहन करना मुश्किल होगा।
KMRC निर्मल चंदर सीट पर ग्राउंड पोस्टिंग-
जटिल निर्माण मुद्दों की वजह से पूर्व पश्चिम कॉरिडोर पर जमीनी कार्य में देरी हो रही है। सबसे चुनौती पूर्ण 2.4 किलोमीटर सियालदह एस्प्लेनेड खंड है। इस खंड पर धंसाव ने कॉरिडोर को सियालदह से हावड़ा मैदान तक सीधे चलने से रोक दिया है। इस मुद्दे से लड़ने के लिए KMRC निर्मल चंदर सीट पर ग्राउंड पोस्टिंग तकनीकी को तैनात किया है। तैनात करने के लिए नॉर्वे स्थित जियोफ्रॉस्ट के साथ हाथ मिलाया है। जिससे मिट्टी की स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है। यह सुविधा जलस्तर सहित जमीन को जमा देगी। जिससे यह माइक्रो टनलिंग के लिए तैयार हो जाएगी।
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पानी को रोकने के लिए कई उपाय-
श्रीवास्तव का कहना है कि हम पूजा से पहले काम शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकारियों ने सुरंग में पानी को प्रवेश करने से रोकने के लिए भी कई उपाय किए हैं पानी को बहन से रोकने के लिए फ्लाई ऐश और माइक्रो सिलिका कंक्रीट मिश्रण का इस्तेमाल किया जाता है।
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