Nipah Virus से केरल में अब तक पांच लोग संक्रमित हो चुके हैं, ताजा मामला कोझिकोड जिले में सामने आया है। जब एक स्वस्थकर्मी में परीक्षण पॉजिटिव पाया गया। गुरुवार को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा संक्रमित लोगों के इलाज के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज उपलब्ध कराए जाने की उम्मीद है। मोनोक्लोनल एंटीबॉडी निपाह वायरस संक्रमण के लिए एक मात्रा उपलब्ध एंटी-वायरस दवाई है, हालांकि यह अभी पूरी तरह से सिद्ध नहीं हुआ है।
पांचवा मामला-
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बुधवार को कहा कि निपाह वायरस का पांचवा मामला 24 वर्षीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता का है. जो कोझीकोड के एक निजी अस्पताल में काम करता है। उत्तरी केरल के इस जिले में प्रकोप के मध्य नजर रखते हुए गुरुवार और शुक्रवार को सभी शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। छुट्टी की घोषणा कोझीकोड जिला कलेक्टर गीता ने की थी, उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा था कि शैक्षणिक संस्थान छात्रों के लिए दो दिन में ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था कर सकते हैं।हालांकि विश्वविद्यालय परीक्षा कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
पहले पीड़ित कोझीकोड के मारुथोंकारा-
जानकारी के मुताबिक, कहा जा रहा है कि पहले पीड़ित कोझीकोड के मारुथोंकारा के 47 वर्षीय व्यक्ति के संपर्क में आए 371 लोग चिकित्सा निगरानी में है। उस व्यक्ति के 9 वर्षीय बेटे जिसका शहर के एक निजी अस्पताल मे इलाज चल रहा है के संपर्क में आए 60 लोगों का भी पता लगाया गया है। जॉर्ज का कहना है कि लड़का कोझीकोड के एक अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर है और उसकी हालत बहुत गंभीर है। हमने आईसीएमआर के साथ मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का आर्डर दिया है और इसे जल्द ही कोझीकोड लाया जाएगा।
बांग्लादेश में उच्च मृत्यु दर-
निपाह वायरस ने मलेशिया, सिंगापुर, भारत और बांग्लादेश में उच्च मृत्यु दर के साथ मानव रोग का प्रकोप पैदा कर दिया है। Nipah Virus एक चमगादड़ जनित पैरामाइकसो वायरस है, इसके मुख्य रूप से दो वेरिएंट है -Niv – मलेशिया और Niv – बांग्लादेश।अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के मुताबिक, निपाह वायरस का बांग्लादेश स्ट्रेन 2001 में दक्षिण एशिया देश में उभरा और इसके बाद बीमारी का प्रकोप लगभग हर साल होता चला गया। 2001 के बाद से बांग्लादेश में इंसानों में 200 से ज्यादा मामलों की पहचान की गई है। कुल मामले मृत्यु दर 70% से ज्यादा है, Niv-मलेशिया इंसानों से इंसानों में फैलता है।
सुअरों में संक्रमण शोषण-
Niv-मलेशिया 1998 में व्यावसायिक रूप से पाले गए सुअरों में संक्रमण शोषण और तंत्रिका संबंधी रोग के प्रकोप के दौरान आया। संभावित मलेशिया उड़ने वाली लोमड़ियों से वायरस फैलने के बाद नेशनल लाइब्रेरी आफ मेडिसिन के अनुसार सूअर और बूचड़खाने से वहां के श्रमिक से इंसानों से इंसानों में फैला।
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मलेशिया और सिंगापुर में 250 से ज्यादा मामले दर्ज-
मलेशिया और सिंगापुर में 250 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं और मृत्यु दर 40% तक पहुंच चुकी है। प्रकोप के दौरान इंसान से इंसान का कोई मामला सामने नहीं आया। हालांकि एक व्यक्ति कार्यकर्ता ने मलेशिया के खिलाफ कन्वर्जन द्वारा इंसान से इंसान में जाने के उदाहरण दिए हैं, जिसे प्रकोप के बाद पहचान गया है और देर से शुरू होने वाले निजी और सेफ लाइट्स के हाल ही में रिपोर्ट किए गए मामले में संरक्षण को जिम्मेदार ठहराया गया।
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