Delhi NCR में 1 अक्टूबर से सर्दियों में होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए GRAP को फिर से लागू किया जाएगा। इससे डिजिटल जनरेटर चलाने पर रोक लागू कर दी जाएगी, सिर्फ वही जनरेटर चलाए जा सकेंगे जो पीएनजी या बायोफ्यूल से चलते हैं। डीजल जनरेटर के अलावा प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों कंस्ट्रक्शन साइट और अन्य निर्माण पर भी नजर रखी जाएगी। दिल्ली सरकार भी इस साल प्रदूषण को रोकने के लिए विंटर एक्शन प्लान तैयार कर रही है। दिल्ली सरकार का कहना है कि प्रदूषण बढ़ते ही GRAP लागू कर दिया जाएगा।
कुल चार स्टेज बनाए गए-
दरअसल GRAP में प्रदूषण के स्तर के आधार पर कुल चार स्टेज बनाए गए हैं, चौथे चरण के स्तर तक का प्रदूषण होने पर सख्त प्रतिबंध लागू किए जाएंगे। डीजल गाड़ियों और ट्रकों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लग सकती है। इसके अलावा निर्माण कार्यों पर भी रोक लगाई जा सकती है।
500 करोड़ के राजस्व का नुकसान-
डीजल जनरेटर बंद किए जाने की वजह से नोएडा के उद्योग जगत में हजारों उद्योगों में परेशानी और निराश छाई हुई है। क्योंकि उन्होंने अभी अपना जनरेटर सेट पीएनजी फ्यूल में कन्वर्ट नहीं किया है। इसका असर यह होगा कि 1 घंटे बिजली नहीं होने के वजह से उद्यमी को 500 करोड़ के राजस्व का नुकसान होगा। हाईराइज सोसाइटी में रहने वाले लोगों को बिना बिजली के रहने पड़ेगा। क्योंकि 70 से ज्यादा सोसाइटी में पावर बैकअप डीजल जनरेटर के जरिए ही होता है।
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12 से 15000 उद्योग-
नोएडा-ग्रेटर नोएडा में मिलाकर करीब 12 से 15000 उद्योग है। इसके अलावा समिति में निजी संस्थान है शहर में 40,000 से ज्यादा जनरेटर है। जिसमें से अब तक करीब 4000 ही पीएनजी फ्यूल में कन्वर्ट किए गए हैं। इसमें इंडस्ट्री के 1500 जनरेटर शामिल है। इस स्थिति में अगर डीजल जनरेटर को बंद कर दिया जाएगा तो उद्यम प्रभावित होगा। इसका सीधा असर एमएसएमई सेक्टर पर पड़ेगा, छोटे उद्योगों में 50 से 100 श्रमिक काम करते हैं। अगर इकाइयां बंद होती है तो इसका श्रमिकों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
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