NPS: एक आम आदमी के रिटायरमेंट के बाद उसके बुढ़ापे का सहारा उसकी पेंशन होती है। अगर आपके पास विरासत में मिली संपत्ति है तो भले ही आपको रिटायरमेंट के बाद चिंता ना हो। लेकिन एक आदमी को इसकी जरूरत होती है, ऐसे में NPS यानी कि नेशनल पेंशन सिस्टम आपके लिए एक बेहतरीन निवेश विकल्प हो जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसमें आपका पैसा बढ़ता तो है ही साथ आपका टैक्स भी बच जाता है।
2009 में निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए खोला-
केंद्र सरकार की पेंशन योजना NPS जिसका संचालन पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा किया जाता है, की शुरुआत 2004 में की गई थी। जब केंद्र ने पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया था। इसकी शुरुआत पहले सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए दी हुई थी, लेकिन 2009 में इसे निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी खोल दिया गया।
टैक्स बढ़ाने का मौका-
इसमें निवेश करने के बाद आपको टैक्स बढ़ाने का मौका मिलता है और मेक NPS में निवेश पर आयकर अधिनियम 80C के तहत छूट मिलती है। इसके जरिए आप हर साल डेढ़ लाख रुपए तक की छूट पा सकते हैं। इसे आपकी टैक्स योग्य आय घटती है, साथ ही टैक्स की देनदारी भी कम हो जाती है। इसके अलावा NPS के जरिए 80CCD में भी 50,000 रुपए अतिरिक्त तक का डिडक्शन मिलता है। इसके अलावा कटौती टैक्स सेविंग में बड़ी मदद मिलती है और अगर आप एनपीएस में से 60 फ़ीसदी तक निकालते हैं तो उस पर भी कोई टैक्स नहीं लगेगा।
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स्कीम मार्केट लिंक्ड-
इसमें पैसा लगाना रिटर्न के लिहाज़ से काफी अच्छा होता है, क्योंकि यह स्कीम मार्केट लिंक्ड होती है। एनपीएस में आपको अलग-अलग निवेश विकल्प मिल जाते हैं। आप इक्विटी गवर्नमेंट कॉरपोरेट डेट, वैकल्पिक संपत्तियों और सिक्योरिटी में से किसी को भी चुन सकते हैं। इससे आपको अपना पोर्टफोलियो रिस्क और रिटर्न के लिए हाथ से मैनेज करने में मदद मिलेगी। लंबी अवधि में कंपाउंडिंग की मदद से आप NPS का एक बड़ा रिटायरमेंट फंड बनाने में सफल होते हैं। इसमें लगातार निवेश करना आपको आर्थिक अस्थिरता के समय भी सहारा देता है और यह सबसे सस्ते निवेश विकल्प में से एक है।
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