Vande Bharat Express: इस समय भारत में कुल 34 वंदे भारत एक्सप्रेस मौजूद है, पहले देश में चलने वाली Vande Bharat Express का रंग सफेद और नीला हुआ करता था। लेकिन अब जो नए फीचर्स के साथ बदलाव किए गए हैं उसमें रंग भी बदला गया है। अब यह सेमी हाई स्पीड ट्रेन नारंगी और सफेद रंग में लॉन्च की गई है। नारंगी रंग की वंदे भारत के पटरी पर आते ही विवाद भी खड़ा हो चुका है। कुछ लोगों का कहना है कि नारंगी रंग को राजनीति से जुड़ा है। वहीं वंदे भारत ट्रेन के नारंगी रंग के पीछे राजनीति की बात को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कई बार नकार दिया है।
साइंटिफिक रीज़न-
मीडिया से बातचीत के दौरान हाल ही में अश्विनी वैष्णव ने कहा कि नारंगी रंग को चुनने के पीछे का कारण विज्ञान है। नारंगी रंग चुनने के पीछे की वजह पॉलिटिकल नहीं बल्कि साइंटिफिक है। उनका कहना है कि विज्ञान के मुताबिक मनुष्य की आंख दो रंगों को सबसे ज्यादा अच्छी तरह से देख सकती है। यह रंग पीला और नारंगी है इसी वजह से यूरोप में चलने वाली लगभग 80% ट्रेनों का रंग नारंगी या फिर पीला मिक्स ही होता है।
नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स-
इन रंगों के अलावा सिल्वर जैसे कुछ और भी रंग हैं जो नारंगी और पीले जैसे ही चमकीले होते हैं। लेकिन यह हमारी आंखों को उतना नहीं सुहाती, जितना कि पीला और नारंगी। रेल मंत्री का कहना है कि सरकार ने नारंगी रंग की इन्हीं खूबियों की वजह से नारंगी रंग का चुनाव नई Vande Bharat Express ट्रेनों के लिए किया है। वैष्णव का कहना है की नारंगी और पीले रंग अच्छी तरह से दिखने की वजह से विमान और जहाज में ब्लैक बॉक्स नारंगी रंग के होते हैं। इतना ही नहीं नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स की रेस्क्यू बोट और लाइफ जैकेट भी नारंगी रंग के ही होते हैं।
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पहली नारंगी रंग की वंदे भारत ट्रेन-
24 सितंबर को पहली बार भारत में नारंगी रंग की वंदे भारत ट्रेन को कासरगोड और तिरुवर्ंतपुरम के बीच शुरू किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर दिया था। यह 31वीं वंदे भारत ट्रेन थी, जिसे 19 अगस्त को तमिलनाडु के पेरंबर स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में ट्रायल रन के लिए ट्रैक पर उतर गया था। देश की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 15 फरवरी 2019 को चली थी। वाराणसी नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई थी।
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