इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आज रात को लगने वाला है यह ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा, जिसके चलते भारत में भी इस ग्रहण का प्रभाव पड़ेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हमारे देश में सूतक काल लगेगा और सूतक काल से जुड़े तमाम नियम भी लागू होंगे। जब भी ग्रहण लगता है तो उससे पहले तुलसी के पत्ते तोड़कर खाने-पीने की चीजों में डालने की परंपरा सालों से चली आ रही हैं, लेकिन क्या आप तुलसी का रहस्य जानते हो? चलिए आज हम इसके रहस्य के बारे में बताते हैं।
चंद्र ग्रहण का समय-
तुलसी का रहस्य जानने से पहले हम यह जान लेते हैं कि चंद्र ग्रहण कब लेगा और कब से सूतक काल शुरू होने वाला है। खगोल शास्त्रियों के अनुसार, चंद्र ग्रहण आज यानी 28 अक्टूबर को देर रात लगभग 1 बजे से शुरू होकर 2:30 बजे तक रहेगा। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब भी चंद्र ग्रहण लगता है तो उससे 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है, इसीलिए आज शाम 4 बजे से सूतक काल शुरू हो जाएगा। इस दौरान सूतक काल के कई नियमों का पालन करना पड़ता।
सूतक काल के नियम-
सूतक काल के शुरू होने से लेकर ग्रहण खत्म होने तक खाना बनाने या खाना खाने वर्जित होता है। वहीं बीमार, बच्चे और बुजुर्ग लोगों पर यह नियम लागू नहीं होता। सूतक काल और ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सुईं, चाकू, कैंची, मशीन समेत किसी भी तरह की नुकीली चीजों का इस्तेमाल भी वर्जित होता है। सूतक काल के समय के घर से बाहर निकलना और पूजा-पाठ करने भी मनाही होती है। हालांकि, आप अपने मन में निरंतर भगवान का जाप कर सकते हैं।
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ग्रहण में तुलसी के पत्तों का उपयोग-
ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार, जब भी कोई ग्रहण लगता है तो जातकों पर उसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। तुलसी को इस तरह के नकारात्मक प्रभाव को खत्म करने के लिए रामबाण मानी जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर किसी भी चीज में तुलसी का एक भी पत्ता डाल दिया जाए तो वह चीज कभी भी अशुद्ध नहीं हो सकती। वहीं डॉक्टर्स का कहना है कि तुलसी के अंदर तमाम एंटी-बैक्टीरियल तत्व मौजूद होते हैं, जो खाने-पीने की चीजों को बैक्टीरिया से दूषित होने से बचाते हैं और उसे शुद्ध बनाए रखते हैं।
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