Driving Tips: हाईवे की राइट लेन को ओवरटेकिंग के लिए भारत में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसका मतलब यह है कि यह लेंस सिर्फ ओवरटेकिंग के लिए ही इस्तेमाल होनी चाहिए। अगर आप ओवरटेकिंग के बाद भी राइट लेन में अपनी गाड़ी को चलाते हैं तो इससे आपके व्हीकल को परेशानी हो सकती है और दुर्घटना का जोकिंग भी बढ़ जाता है। राइट लेन पर ड्राइविंग क्यों नहीं करनी चाहिए आईए जानते हैं-
राइट लेन में ड्राइविंग-
जब आप राइट लेन में ड्राइविंग कर रहे होते हैं तो आप अन्य विकल्प को ओवरटेकिंग करने में परेशानी होगी। ऐसे में या तो आप अपनी स्पीड धीमी कर सकें, आपको पीछे चलना पड़ेगा या फिर गलत तरीके से दूसरे लेंस में जाकर ओवरटेकिंग करनी होगी। दोनों स्थिति में उन्हें परेशानी होगी, जैसा कि ऊपर बताया गया कि आपको लगातार राइट लेन में ड्राइविंग करने पर क्या हो सकता है। इस स्थिति में दुर्घटना का जोखिम बढ़ सकता है।
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ओवरटेकिंग-
इससे व्हीकल आपस में टकरा सकते हैं, क्योंकि व्हीकल अपनी लेन में से बाहर जाकर इधर-उधर से ओवरटेक करेंगे। यूं तो आमतौर पर चेंजिंगलाइन को लेकर व्हीकल के चालान काटने की खबरें सामने आती है। लेकिन इसे लेकर नियम हैं और उल्लंघन करने का चलान भी कट सकता है। कानूनी तौर पर हाईवे की रेड राइट लेन को ओवरटेकिंग के तौर पर इस्तेमाल किया जाना चाहिए। अपने आसपास की ट्रैफिक को लेकर सावधान रहना चाहिए। रियर व्यू मिरर और साइड व्यू मिरर का ध्यान रखें, सही लेन का इस्तेमाल करें और स्पीड को लिमिट में रखें।
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