Delhi Government: बुधवार 20 दिसंबर को दिल्ली सरकार ने पुराने ऑटोमोबाइल के लिए और ऑफ लाइफ पॉलिसी की घोषणा की है। यह कदम वाहनों के उत्सर्जन से पर्यावरण को होने वाले प्रभाव को कम करने के लिए और राष्ट्रीय राजधानी में यातायात को सुव्यवस्थित करने के बढ़ते दबाव के कारण उठाया गया है। इस पॉलिसी के मुताबिक, दिल्ली सरकार डीजल की 10 साल और पेट्रोल की 15 साल पुरानी गाड़ियों को निपटारे के लिए लाया गया है। पॉलिसी में यह प्रावधान किया गया है कि दिल्ली में 6 महीने के अंदर ही लोग पुरानी गाड़ियों का दूसरे राज्यों में रजिस्ट्रेशन कर पाएंगे।
क्या है यह पॉलिसी-
इस पॉलिसी के मुताबिक, अगर कोई ऐसी गाड़ी सड़क पर चलते हुए पकड़ी जाती है, तो उसे तुरंत जप्त करके स्क्रैप करने के लिए नहीं भेजा जाएगा। इसके बदले में पहले भारी भरकम चालान काटा जाएगा, जिससे की गाड़ी सड़क पर ना चले। यह जुर्माना 5 से 10 हज़ार रुपए के बीच हो सकता है। परिवहन विभाग में इस पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार करके दिल्ली सरकार को सौंप दिया है। इस पॉलिसी के तहत पहले से ही जप्त किए गए वाहनों को मालिकों से शपथ पत्र के साथ जुर्माना अदा करने पर रिहा किया जाएगा। यह प्रतिबद्धता सुनिश्चित करती है कि वाहन या तो अन्य राज्यों में पंजीकृत हैं या फिर यह स्क्रैप किए गए हैं। जिससे उनके नई दिल्ली की सड़कों पर लौटने का जोखिम खत्म हो जाता है।
वैश्विक प्रयासों के अनुरूप-
सरकार का यह कदम कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और वायु प्रदूषण से निपटने के वैश्विक प्रयासों के अनुरूप किया गया है। एक दृष्टिकोण के साथ जिसमें दंड और प्रोत्साहन दोनों ही शामिल होंगे। वाहनों के लिए जीवन समाप्ति निधि का उद्देश्य राजधानी में एक स्वच्छ हरित और ज्यादा कुशल परिवहन प्रणाली का मार्ग प्रशस्त करता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले कुछ महीनों में एनफोर्समेंट टीमों ने बड़ी तादाद में पुरानी गाड़ियों को जप्त किया था, जिसमें से कई गाड़ियां स्क्रैप भी की जा चुकी हैं। राहत देते हुए लोगों को कोर्ट ने परिवहन विभाग को जप्त गाड़ियां छोड़ने के आदेश दिए थे। जिससे लोग दिल्ली से बाहर अपनी गाड़ियों को रजिस्टर करवा सकें। इसे ध्यान में रखते हुए नई पॉलिसी के मुताबिक पहले से ही पाउंड की गई गाड़ियों को एफिडेविट अंडरटेकिंग लेकर छोड़ने का प्रावधान भी किया जाएगा।
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वाहन दूसरे राज्यों में रजिस्टर्ड-
यह गाड़ियां इसी शर्त पर छोड़ी जाएगी, जब वाहनो को दूसरे राज्यों में रजिस्टर करवा लिया जाएगा और इस दौरान उन्हें दिल्ली की सड़क को पार करने और न चलने की अंडरटेकिंग देना होगी। पिछले साल की बात की जाए तो जनवरी से अक्टूबर के बीच कम से कम 50 लाख पुराने वाहनों का पंजीकरण दर्ज किया गया था। वहीं अब तक 15,000 से ज्यादा पुराने वाहन जप्त हुए हैं। आप सरकार से ऐसे वाहनों से निपटने के लिए एक नीति बनाने को कहा था, जिसमें मलिक यह आश्वासन देने को तैयार होगा, कि वह इन वाहनों का इस्तेमाल राष्ट्रीय राजधानी में नहीं करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में राष्ट्रीय राजधानी में 10 और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल और डीजल कारों पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसमें कहा गया था कि आदेश का उल्लंघन करने वाले लोगों के वाहनों को जप्त कर लिया जाएगा।
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