हाल ही में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन नए कानून अपराध न्याय अधिनियम संशोधित संस्करण पर चर्चा की। उन्होंने कहा ‘पहली बार हमारे संविधान की भावना के हिसाब से कानून पीएम मोदी के नेतृत्व में बनने जा रहे हैं, डेढ़ सौ साल बाद इन तीनों कानूनों को बदलने पर गर्व है, भारतीय संहिता विधायक 2023, भारतीय नागरिकता संहिता विधायक 2023 और भारतीय साक्ष्य विधायक 2023 पहली बार मानसून सत्र के दौरान संसद में पेश किए गए थे।’ गृह मंत्री का कहना कि टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से नए भारत की कानून व्यवस्था आधुनिक हो गई है। इसके साथ ही मॉब लिंचिंग एक अपराध है और हम नए कानून में माउंट प्रिंटिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान करते हैं।
कांग्रेस का नाम लिए बिना उस पर कटाक्ष-
गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस का नाम लिए बिना उस पर कटाक्ष करते हुए कहा, कि ‘डेढ़ सौ साल के बाद इन तीनों कानूनों को बदलने पर मुझे गर्व है, कुछ लोगों को कहना है कि हम इन्हें नहीं समझते, मैं नहीं कहना चाहता हूं कि मन अगर भारतीय रखोगे तो समझ में आएगा, लेकिन अगर मन ही इटली का है तो कभी समझ नहीं आएगी।’ उन्होंने कहा कि ‘मैंने तीनों विधेयक को गहनता से पढ़ा है और इन्हें बनाने से पहले 158 परामर्श क्षेत्र में भाग लिया है, उसके बाद विधायकों के ब्यूरो का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि अब शिकायत मिलने के तीन दिन के अंदर ही पुलिस को प्राथमिक की दर्ज करनी होगी और 14 दिन के अंदर प्रारंभिक जांच पूरी करनी होगी।’
रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर मजिस्ट्रेट को सौंपनी होगी-
गृहमंत्री अमित शाह का कहना है की जांच रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर मजिस्ट्रेट को सौंपनी होगी। उसके बाद आरोप पत्र दाखिल करने में 180 दिनों से ज्यादा की देरी नहीं हो सकती और अगर जांच अभी भी लंबित है तो भी अदालत से विशेष अनुमति लेनी होगी। उन्होंने कहा कि न्यायाधीश 45 दिनों से ज्यादा समय तक फैसला सुरक्षित नहीं रख पाएंगे। गृह मंत्री के मुताबिक, आरोपियों को बरी करने की याचिका दायर करने के लिए 7 दिन का समय मिलेगा। न्यायाधीश को 7 दिनों में सुनवाई करनी पड़ेगी और ज्यादा से ज्यादा 120 दिन में मामले की सुनवाई होगी। शाखा कहना है कि समय सीमा और वित्तीय चुनौती देश में न्याय हासिल करने में बड़ी बाधा रही है। न्याय समय पर नहीं मिलता तारीख पर तारीख को मिलती है और पुलिस अदालत और सरकार को दोष देती है।
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हर कोई एक दूसरे पर दोष मड़ता है-
अदालतें पुलिस को जिम्मेदार ठहराती है, सरकार पुलिस और न्यायपालिका को जिम्मेदार मानती है। हर कोई एक दूसरे पर दोष मड़ता है। उनका कहना है कि सरकार राजद्रोह को देशद्रोह में बदलने जा रही है। गृहमंत्री ने सदन में कहा कि मोब लिंचिंग गहन अपराध है और इस कानून में अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि ‘मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि आपने भी वर्षों देश में शासन किया है, आपने मोब लिंचिंग के खिलाफ कोई कानून क्यों नहीं बनाया, आपने मोब लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल सिर्फ हमें गाली देने के लिए ही किया है, लेकिन सभा सत्ता में रहे तो कानून बनाना भूल गए।’ अमित शाह के मुताबिक, आजादी के बाद पहली बार अपराध न्याय प्रणाली से जुड़े तीन कानूनों का मानवीकरण हुआ है।
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