Chinese Manjha: हाल ही में एक दुखद मामला सामने आया है, यह मामला हैदराबाद का है, जहां पर ड्यूटी से घर जा रहे हैं एक सेना के जवान की दर्दनाक मौत के हो गई। उनके मौत की वजह चाइनीस मांझा है। चाइनीस मांझे से उनकी गर्दन कट गई, गले पर गंभीर चोट आई। जिसकी वजह से उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। घर में मातम पसरा हुआ है और उधर पुलिस मामले क जांच कर रही है। रात को चीनी नायलॉन धागे के संपर्क में आने से गले में गंभीर चोट लगने से जवान की मौत हुई। मृतक की पहचान कोटेश्वर रेड्डी के रूप में की गई है। वह गोलकुंडा हुसैन सेना में ड्राइवर के रूप में काम करते थे।
फ्लाईओवर पर चीनी मांझे के संपर्क में-
शनिवार शाम को वह अपनी ड्यूटी पूरी कर अट्टापुर में मौजूद अपने घर जा रहे थे। तभी फ्लाईओवर पर वह चीनी मांझे के संपर्क में आ गए। इंस्पेक्टर जैन निरंजन का कहना है कि कोटेश्वर की गर्दन पर गहरा घाव हो गया और वह सड़क पर गिर पड़े। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां पर इलाज के दौरान उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
प्रतिबंध के बावजूद मांझे का इसतेमाल-
शिकायत के बाद पुलिस ने मामले को दर्ज कर लिया है और जान भी शुरू कर दी है सबको उसमें नया जनरल अस्पताल के शव ग्रह में स्थानांतरित कर दिया गया। जहां पर पोस्टमार्टम के बाद उनके शव को परिवार को सौप दिया गया। इस घटना के बाद अधिकारियों का कहना है कि प्रतिबंध के बावजूद भी पतंग उड़ाने के लिए मांझे का इसतेमाल हो रहा है। बिना किसी रोकटोक के इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
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विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी विभाग-
वन विभाग में संक्रांति के त्योहार पर पतंगबाजी में मांझे के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया था। प्रतिबंध लागू करने के लिए कदम उठाने का दावे किए गए थे। राज्य सरकार ने पक्षियों के साथ-साथ इंसानों के बीच सुरक्षा के लिए 2016 में आदेश में चाइनीज़ मांझे पर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था। विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी विभाग ने खरीद, भंडारों, बिक्री सभी के ऊपर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए थे, उसके बावजूद भी खुलेआम यह बिक रहे हैं।
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