आज यानी मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल विस्तार के RLD कोटे से पुरकाजी विधायक अनिल कुमार को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। ऐसा कहा जा रहा है कि शनिवार की रात में RLD अध्यक्ष जयंत सिंह की कॉल के बाद उनके मंत्री बनने की पुष्टि हुई है। अनिल कुमार अपने समर्थकों के साथ इस कॉल के बाद ही लखनऊ पहुंच गए। मूल रूप से अनिल कुमार सहारनपुर के गांव तहरपुर के रहने वाले हैं। आज लखनऊ में शपथ ग्रहण समारोह में उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी मीन पटेल के समक्ष मंत्री पद की शपथ ली है।
कौन हैं रालोद विधायक अनिल कुमार-
अपनी राजनीति का सफर अनिल कुमार ने अपने ननिहाल के गांव का कसियारा से शुरू किया था। मामा जसवीर सिंह गांव के प्रधान थे और रोहन गन्ना समिति के अध्यक्ष भी थे। अनिल कुमार यहीं से बसपा की राजनीति में सक्रिय हुए थे और पहली बार में 2007 में टिकट मिलने के बाद विधायक चुने गए थे। पुरकाजी सुरक्षित सीट से आरएलडी के सिंबल पर अनिल कुमार ने भाजपा प्रत्याशी पूर्व विधायक प्रमोद उटवाल को हराया था। अनिल कुमार इस चुनाव के पहले सपा में सक्रिय थे। लेकिन वह तीसरी बार विधायक आरएलडी के सिंबल पर चुनाव लड़कर चुने गए थे।
राजनीतिक सफर-
इससे पहले सुरक्षित सीट चरथावल से बसपा के टिकट पर वह पहली बार 35,417 वोट से विधायक बने थे। साल 2012 में सुरक्षित सीट परिसीमन के बाद सुरक्षित सीट पुरकाजी बने। अनिल कुमार दूसरी बार पुरकाजी से विधायक चुने गए थे। साल 2017 में चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2022 में वह आरएलडी के सिंबल पर जीत कर विधानसभा पहुंचे। अनिल कुमार का कहना है कि उन्हें आरएलडी अध्यक्ष जयंत सिंह ने लखनऊ जाने के लिए कहा था, एक बड़ी जिम्मेदारी की बात हुई थी। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है। एनडीए गठबंधन यूपी में क्लीन स्वीप करेगा। अब वह आरएलडी कोटे से मंत्री बनाए गए हैं। अनिल कुमार ने अब तक तीन बार चुनाव लड़ा है।
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तीन बार चुनाव लड़े-
पहली बार 2007 में बसपा के टिकट पर चरथल सुरक्षित सीट से विधायक चुने गए थे। 2012 नए परिसीमन के बाद वह बसपा की टिकट से दूसरी बार विधायक बने। लेकिन 2017 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, फिर साल 2022 में चुनाव से पहले वह सपा में शामिल हो गए और वक्त पर गठबंधन की सीट आरएलडी के हिस्से में आई। जिसके चलते वह आरएलडी में शामिल हुए और विधायक चुने गए। अब आरएलडी के कोटे से ही उन्हें मंत्रालय मिला। आरएलडी ने सूचित जाति के मतदाताओं को साधने के लिए ही सुरक्षित सीट से विधायक अनिल कुमार का नाम मंत्री पद के लिए आगे किया, उन्हें जयंत चौधरी का करीबी माना जाता है।
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