Dog Ban: पूरे देश में पिछले कई दिनों से बहुत ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जहां कुत्तों के द्वारा लोगों पर हमला किया जा रहा है। यह चिंता पैदा करने वाला है। इन सभी घटनाओं में कई लोगों की मौत भी हुई है। अब इसको ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने रॉटविलर, पिटबुल, वुल्फ, टेरियर कुत्तों और मास्टिफ जैसी कई नस्लों के कुत्तों को पालने, प्रजनन और उसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया है। क्योंकि यह इंसान की जिंदगी के लिए खतरा हो सकते हैं। यह प्रतिबंध मिश्रित और क्रॉस सभी नस्लों पर लागू होगा।
एक्सपर्ट्स और पशु कल्याण निकाय-
राज्यों को लिखे गए पत्र में डेयरी और पशुपालन विभाग के स्थानीय निकायों में ऐसे कुत्तों की बिक्री और प्रजनन के लिए कोई लाइसेंस या परमिट नहीं जारी करने की गुजारिश की गई है। यह सलाह एक्सपर्ट्स और पशु कल्याण निकायों की एक कमेटी की रिपोर्ट के बाद सामने आई है। जिसे लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद बनाया गया था। विभाग का कहना है की इन नस्लो के कुत्तों को जिन्हें पहले से ही पालतू जानवर के रूप में रखा गया है। आगे प्रजनन रोकने के लिए उनकी नसबंदी की जाएगी।
इसके अंतर्गत ये कुत्ते शामिल-
पिटबुल, टेरियर, अमेरिकन शैफर्ड, टेरियर, टोसा इनु, फिला ब्रासिलिरो, डोगो अर्जेंटीनो, अमेरिकन बुलडॉग, कांगल, बॉसबोयल, मध्य एशिया शेफर्ड डॉग, दक्षिण रुसी शेफर्ड डॉग और टॉर्नजैक शामिल है। ऑफिशियल प्रेस रिलीज में कहा गया कि रोडेशियन रिजबैक, वुल्फ डॉग्स, कैनारियो, अकिता, मास्टिफ्स, रॉटवीलर, टेरियर्स, अकबाश, मॉस्को गार्ड, केन कोरसो, सरप्लैनिनैक, जापानी टोसा और बैंडोग के नाम से जाना जाने वाले प्रत्येक कुत्ते इसके अंतर्गत आएंगे। इस पत्र में कहा गया कि स्थानीय निकाय भी जरूरी निर्देश जारी कर सकते हैं।
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दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश-
पत्र में कुछ नस्लों के कुत्तों को पालतू जानवर के रूप में रखने पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के अलावा नागरिक और पशु कल्याण संगठनों का भी जिक्र किया गया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने 6 दिसंबर 2023 के अपने आदेश में निर्देश दिया था कि सभी हितधारकों से बात करने के बाद भारत सरकार 3 महीने के अंदर ही फैसला लेगी। सरकार ने राज्यों से स्थानीय निकायों और राज्य पशु कल्याण बोर्ड द्वारा पशु क्रूरता निवारण नियम 2017 और पशु क्रूरता निवारण नियम 2018 का इंप्लीमेंटेशन सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है।
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