IAS Officer: सिविल सेवा परीक्षा को भारत की सबसे ज्यादा मुश्किल परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इसमें कड़ी मेहनत और सालों की तैयारी की जरूरत होती है। सालों की तैयारी के साथ बहुत से उम्मीदवार इसके लिए आवेदन करते हैं। लेकिन उनमें से कुछ ही लोग आईपीएस या आईएएस इस बन पाते हैं। इस परीक्षा में सफल होने के लिए बहुत से छात्र कोचिंग इंस्टिट्यूट मोटी फीस देते हैं। लेकिन आईपीएस या आईएएस बनने का सपना सिर्फ कुछ ही उम्मीदवारों का पूरा हो पता है। हालांकि आर्थिक रूप से कमजोर बैकग्राउंड के उम्मीदवारों के लिए सिविल सेवा परीक्षाओं की कोचिंग लेना बहुत मुश्किल है। आज हम आपको एक ऐसे आईएएस ऑफिसर के बारे में बताएंगे, जिन्होंने बिना परीक्षा दिए इस को पद हासिल किया है।
यूपीएससी परीक्षा पास नहीं दी-
इस आईएएस ऑफिसर का नाम अब्दुल नासर है। अब्दुल नासर ने यूपीएससी परीक्षा पास नहीं दी है और उसके बावजूद भी वह आईएएस ऑफिसर के पद पर पहुंच गए। यह बात सच है अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि ऐसा कैसा हो सकता है। केरल के कन्नूर जिले में थलास्सेरी के रहने वाले नासर ने 5 साल की उम्र में उनके पिता का देहांत हो गया। जिसके उन्हें और उनके भाई-बहन को अनाथालय में रहना पड़ा। हालांकि उनकी मां परिवार का भरण पोषण करने के लिए घरेलू सहायिका के रूप में काम करती थीं।
अनाथालय में 13 साल बिताए-
बहुत सी चुनौतियों के बावजूद नासर ने केरल के एक अनाथालय में कुल 13 साल बिताए और अपनी स्कूल पढ़ाई पूरी की। उन्होंने अपने परिवार की आजीविका में योगदान देने के लिए क्लीनर और होटल सप्लायर के रूप में काम शुरू किया। उसके बाद उन्होंने थलास्सेरी के सरकारी कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की। अब्दुल नासर ने अखबार बेचने, ट्यूशन पढ़ाने और फोन ऑपरेटर का भी काम किया। साल 1994 में नासर ने पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री करने के बाद केरल स्वास्थ्य विभाग में सरकारी कर्मचारियों के रूप में अपना करियर शुरू किया।
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धीरे-धीरे प्रमोशन मिलता रहा-
फिर सार्वजनिक सेवा के प्रति उनकी मेहनत और प्रतिबद्धता प्रयासों के माध्यम से उन्हें धीरे-धीरे प्रमोशन मिलता रहा और आखिरकार 2006 तक वह राज्य सिविल सेवा में डिप्टी कलेक्टर की भूमिका तक पहुंच गए। इसके बाद साल 2015 में नासर को केरल के टॉप डिप्टी कलेक्टर के रूप में मान्यता मिली। फिर 2017 में उन्हें आईएएस अधिकारी के पद पर प्रमोशन मिल गया और उन्होंने साल 2019 में कोल्लम के जिला कलेक्टर की भूमिका संभालने से पहले केरल में आवास आयुक्त के रूप में काम किया।
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