दिल्ली के विवेक विहार इलाके के एक बेबी केयर अस्पताल में आग लगने की वजह से सात नवजात बच्चों की मौत हो गई। फायर डिपार्टमेंट और स्थानीय लोगों ने अस्पताल के फर्स्ट फ्लोर से 12 शिशुओं को रेस्क्यू किया था। जिसमें से 7 की मौत हुई, प्रशासन और पुलिस अग्निकांड की छानबीन कर रहे हैं। वहीं इस घटना के प्रत्याशियों ने चौंकाने वाली बात कही है। उनका कहना है की गाड़ी में रखे सिलेंडर से ब्लास्ट हुआ, वहीं धमाका इतना जोरदार रहा की बेबी केयर हॉस्पिटल में आग लग गई।
पूरे अस्पताल में आग-
देखते ही देखते इस आग ने भयानक रूप धारण कर लिया, पूरे अस्पताल में आग लग गई। लोग कुछ समझ पाते इससे पहले पूरा हॉस्पिटल आग से घिर चुका था। वहीं सेवा दल के अध्यक्ष का कहना है कि आगे एक वैन में रखे सिलेंडर के ब्लास्ट होने से हुई है। वैन की छत उड़कर सिलेंडर आसपास बिखर गया। धमाके की आवाज इतनी ज्यादा थी, कि उनके घर तक पहुंच गई। इसके बाद यहां आकर उन्होंने पीछे से बेबी केयर हॉस्पिटल का शीशा तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला।
कोई भी एग्जिट प्लान नहीं-
उन्होंने कहा कि कोई भी एग्जिट प्लान नहीं था, बेबी केयर हाउस सेंटर के बाहर हेमा नाम की एक महिला ने बताया कि 20 तारीख को यहां उनकी बहन ने न्यू बोर्न बेबी को एडमिट कराया था, वह नवजात का पता लगाने यहां आई हैं। लेकिन अभी कुछ जानकारी नहीं मिल पा रही है। पूर्वी दिल्ली के बेबी केयर हॉस्पिटल में आग लगने की घटना को लेकर दिल दहल ने वाले खुलासे भी हो रहे हैंय़ लोगों ने चौंकाने वाली बातें भी बताई हैं।
“लगा जैसे आतंकी हमला”-
बेबी केयर हॉस्पिटल में जब आग लगी तब चश्मदिद रवि वर्मा भी वहां मौजूद थे, उनका कहना है कि हादसे के समय बहुत जोर से आवाज आई। आवाज इतनी तेज थी कि लगा जैसे आतंकी हमला हुआ है। रवि का कहना है की पूरी की पूरी गलती अस्पताल प्रशासन की है। जिसने नियमों की अनदेखी की है, विवेक ने कहा कि बेबी केयर सेंटर में आग और धमाके कितने तेज से इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि केंद्र से तीसरी बिल्डिंग के शीशे भी टूट चुके थे।
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लापरवाही की वजह से हादसा-
इसमें घर में मौजूद तीन लोग घायल हो गए, बृजेश गोयल का कहना है कि धमाकों से उनके घर के शीशे टूट गए और कांच लगने से उनकी इंजरी हो गई। उनका कहना है कि आग बहुत ज्यादा भयंकर थी, सिलेंडर के टुकड़े आसपास गिरे हुए थे, उनके घर में भी टुकड़े पहुंच गए थे। उनकी खिड़की के शीशे टूट गए। गोयल का कहना है कि पहले से इसकी शिकायत की जा रही थी, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसी लापरवाही की वजह से यह हादसा हुआ है।
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