जब आप किसी मतदान केंद्र पर अपना वोट डाल रहे होंते हैं तो उसके बाहर कुछ न्यूज चैनल या पोल एजेंसी द्वारा आपसे बातचीत के जरीए आपकी राय ली जाती है। मान लीजिए एक लोकसभा सीट के कुछ ही मतदान केंद्रों पर वोटरों की राय के आधार पर ये एक्जिट पोल अपने नतीजे तय करते हैं। यह एक महत्वपूर्ण टूल है जो चुनावी नतीजों का पूर्वानुमान लगाता है। ये कई लाख मतदाता वाली सीट पर से बेहद छोटे आंकड़ों के आधार पर केंडिडेट की जीत हार का निर्णय ले लेते हैं।
एक्जिट पोल का तरीका–
- टीम का निर्धारण: चुनावी क्षेत्रों में एक्जिट पोल टीम को नियुक्त किया जाता है।
- सवाल पूछना: मतदाताओं से उनके वोट के पश्चात सवालों का जवाब देने के लिए अनुमति ली जाती है।
- डेटा संग्रह: वोटर्स के जवाबों को नोट किया जाता है और डेटा संग्रहित किया जाता है।
- विश्लेषण: संग्रहित डेटा का विश्लेषण किया जाता है ताकि चुनावी परिणामों का पूर्वानुमान लगाया जा सके।
डेटा कलेक्शन–
- एक्जिट पोल टीम चुनाव केन्द्रों पर जाती है और मतदाताओं से संवाद करती है।
- उन्हें चुनाव के बाद कुछ सवाल पूछे जाते हैं, जैसे कि उनकी पसंद, रुचि और मतदान के पीछे की वजह।
- इस तरीके से, उन्हें राजनीतिक आवाम की मानसिकता के बारे में माहिती प्राप्त होती है।
नतीजा–
एक्जिट पोल के नतीजे राजनीतिक विश्लेषकों और पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। इससे उन्हें चुनावी प्रक्रिया की समीक्षा और नतीजों का पूर्वानुमान लगाने में मदद मिलती है।
एक्जिट पोल एक महत्वपूर्ण और आवश्यक चुनावी टूल है जो नागरिकों के मतदान के पश्चात राजनीतिक प्रक्रिया को समझने में मदद करता है।
सही/गलत-
हालांकि एक्जिट पोल ही चुनाव नतीजों के असल आंकड़ें हो ऐसा भी नहीं कहा जा सकता, क्योंकि ये बहुत कम मतदाताओं की राय पर आधारित होता है, साथ ही देखने में आया है कि असल चुनावी नतीजे कईं बार इससे भिन्न नजर आए हैं।