Nota in Indore: आज लोकसभा चुनाव के रिजल्ट आ रहे हैं और मध्य प्रदेश के इंदौर से चौंकाने वाले रुझान देखने को मिल रहे हैं। इंदौर में नोटा को 218674 वोट मिल चुके हैं। अभी तक यह रिकॉर्ड बिहार के गोपालगंज सीट के नाम पर था। कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम के नामांकन वापस लेने के बाद से ही कांग्रेस ने यहां पर नोटा का इस्तेमाल करने की अपील की थी।
वोट दो लाख से भी पार (Nota in Indore)-
जिसके लिए कांग्रेस ने एक मुहिम की थी, आज सामने आ रहे हैं इंदौर में नोटा ने एक बड़ा रिकॉर्ड बना दिया है। अब तक हुई गिनती के मुताबिक, नोटा के वोट दो लाख से भी पार पहुंच चुके हैं। इसके साथ ही नोटा ने बिहार के गोपालगंज का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इंदौर में नोटा मुहिम छेड़ने के बाद कांग्रेस ने का दावा था कि इंदौर में नोटा कम से कम 2 लाख वोट हासिल करके नया रिकॉर्ड कायम करेगा।
इंदौर का मुकाबला (Nota in Indore)-
आपकी जानकारी के लिए बता दें की 13 मई को हुए मतदान में कुल 25.27 लाख मतदाताओं में से 61.75% लोगों ने वोट डाला था, वैसे तो इस सीट पर कुल 14 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा है। लेकिन राजनीति के स्थानीय समीकरणों की वजह से मुख्य मुकाबला इंदौर के वर्तमान सांसद और मौजूदा भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी और कांग्रेस समर्थित नोटा के बीच में है।
सर्वाधिक वोट-
नोटा के नाम पर अब तक 51,660 वोट मिलने का रिकॉर्ड बना था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 2019 में लोकसभा चुनाव में नोटा को बिहार के गोपालगंज सीट पर सर्वाधिक वोट मिले थे। तब इस क्षेत्र में 51,660 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प दिया था और नोटा को कुल मतों में से करीब 5% वोट मिले थे।
क्या है पूरी कहानी-
दरअसल बात यह है कि इंदौर में कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी अक्षय गांधी बम ने पार्टी को तगड़ा झटका दिया था और अपना नामांकन आखिरी तारीख 29 अप्रैल को वापस ले लिया। इसके तुरंत बाद ही भारतीय जनता पार्टी में वह शामिल हो गए, जिसका नतीजा यह निकला कि इस सीट के 72 साल के इतिहास में कांग्रेस पहली बार चुनावी से बाहर हो गई। कांग्रेस ने इसके बाद स्थानीय मतदाताओं से अपील की कि वह EVM मशीन पर नोटा का बटन दबाएं और बीजेपी को सबक सिखाएं।
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क्या है नोटा बटन-
नोटा को भारत में पहली बार साल 2013 में शुरु किया गया था, जिसके बाद भारत में EVM मशीन पर नोटा का बटन लगाया गया, जिसका रंग गुलाबी होता है। NOTA के बटन का इस्तेमाल तब किया जाता है जब जनता के मुताबिक कोई भी पार्टी सही उम्मीदवार को खड़ा नहीं करती है, इस बटन के ज़रिए जनता अपना विरोध जताती है।
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