Garun Puran: सभी धार्मिक ग्रंथो में सबसे महत्वपूर्ण गरुड़ पुराण को माना जाता है। जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसके शरीर में से आत्मा निकालकर कहां पर जाती है, क्या उसका पुनर्जन्म होता है या फिर उसे किसका शरीर प्राप्त होता है और कैसे? इन सभी सवालों के जवाब गरुड़ पुराण में मिलते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें की गरुड़ पुराण में व्यक्ति के कर्मों के मुताबिक से स्वर्ग लोक मिलेगा या नरक लोग इसके बारे में बताया गया है।
आत्मा का पुनर्जन्म कैसे होता है (Garun Puran)-
हिंदू धर्म के मुताबिक व्यक्ति के मरने के बाद उसकी आत्मा कुछ दिनों तक उसके शरीर और परिजनों के आसपास ही भटकती रहती है। लेकिन असल में गरुड़ पुराण में हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर आत्मा का पुनर्जन्म कैसे होता है और यह कितने दिनों बाद मिलता है।
मृत्यु के बाद (Garun Puran)-
गरुड़ पुराण की मानें तो आत्मा मृत्यु के बाद लंबे समय के लिए यात्रा पर निकल जाती है। यमदूत आत्मा को सबसे पहले यम लोक ले जाते हैं। उसके बाद उस व्यक्ति के कर्मों का हिसाब होता है। गरुड़ पुराण के मुताबिक, व्यक्ति के कर्मों के मुताबिक उसका पुनर्जन्म होता है। अगर व्यक्ति के कर्म बुरे हैं, तो उसे नर्क लोख जाना होगा और अगर उसके कर्म अच्छे हैं तो उसे स्वर्ग लोक का सफर कराया जाएगा।
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गरुण पुराण-
आपकी जानकारी के लिए बता दें की मृत्यु के बाद आत्मा को यमराज तक पहुंचने में लगभग 86 हजार योजन की दूरी तय करनी पड़ती है। गरुण पुराण की मानें तो जब व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो उसका पुनर्जन्म 3 से 40 दिनों के अंदर हो जाता है। वही व्यक्ति का पुनर्जन्म उसके कर्मों के हिसाब से ही होता है। व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके कर्म का हिसाब होता है और उसके बाद ही उसका पुनर्जन्म निश्चित किया जाता है। यानी कि उसका अगला जन्म कर्मों के आधार पर ही निश्चित होगा।
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