दिल्ली में गुरुवार को एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला, जब दो बड़ी सरकारी कंपनियों ने हाथ मिलाकर देश के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प लिया। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) और रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) ने एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत दोनों संस्थाएं मिलकर भारत और विदेशों में बड़े बुनियादी ढांचा प्रोजेक्ट्स पर काम करेंगी।
गुरुवार को हुए इस कार्यक्रम में DMRC के बिजनेस डेवलपमेंट निदेशक पी.के. गर्ग और RVNL के ऑपरेशंस निदेशक राजेश प्रसाद ने वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में इस महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर श्री गर्ग ने कहा, “यह साझेदारी भारत के बुनियादी ढांचे के विकास में एक नया अध्याय लिखेगी। हम अपने संयुक्त अनुभव और संसाधनों का उपयोग करके जटिल प्रोजेक्ट्स को और अधिक कुशलता से पूरा करेंगे।”
इस समझौते के तहत दोनों संस्थाएं मिलकर मेट्रो और रेलवे सिस्टम, हाई-स्पीड रेल, हाईवे, मेगा ब्रिज, टनल, इंस्टीट्यूशनल बिल्डिंग, वर्कशॉप, डिपो, सिग्नल और टेलीकम्युनिकेशन (S&T) कार्य, और रेलवे विद्युतीकरण जैसे विविध क्षेत्रों में प्रोजेक्ट्स पर काम करेंगी। श्री प्रसाद ने बताया, “हमारा लक्ष्य है कि हम अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करके न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे का निर्माण करें।”
इस साझेदारी का सीधा लाभ आम नागरिकों को मिलेगा। बेहतर मेट्रो और रेल सेवाओं से लोगों का दैनिक जीवन आसान होगा। नए हाईवे और पुल यात्रा को सुगम बनाएंगे। श्रीमती सुनीता, जो रोज़ मेट्रो से ऑफिस जाती हैं, ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि इस साझेदारी से हमें और अधिक सुविधाजनक और आधुनिक परिवहन सुविधाएं मिलेंगी।”
DMRC के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह समझौता भारत की बढ़ती बुनियादी ढांचा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक सक्रिय कदम है। उन्होंने कहा, “हम DMRC और RVNL की ताकतों और क्षमताओं का उपयोग करके देश के विकास में अपना योगदान देंगे।”
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यह साझेदारी न केवल भारत के लिए, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण है। इससे भारतीय कंपनियों को विदेशी बाजारों में अपनी पहचान बनाने में मदद मिलेगी। श्री रमेश, एक अर्थशास्त्री, ने कहा, “यह कदम ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी पहलों को बढ़ावा देगा और भारत को वैश्विक बुनियादी ढांचा विकास में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाएगा।”
इस ऐतिहासिक साझेदारी से भारत के बुनियादी ढांचे के विकास में एक नया युग शुरू होने की उम्मीद है। यह न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि लाखों भारतीयों के जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार लाएगा।
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