जूली चौरसिया
PM Modi: इस समय बीजेपी में कुछ भी सही नहीं चल रहा है, जब से लोकसभा चुनाव में बीजेपी सिर्फ 240 सीटों पर सिमट गई तब से ही पार्टी में बगावत शुरु हो गई। सूत्रों के हवाले से यह कहा जा रहा है कि बीजेपी के सांसद पीएम मोदी के खिलाफ हो चुके हैं, इतना ही नहीं वह कैमरे पर भी मोदी के खिलाफ बोल रहे हैं, यानी इस समय पार्टी में खलबली मची हुई है। बीजेपी से सात बार सांसद रह चुके रमेश जिगाजीनाजी, जो बीजेपी बड़े दलित लीडर हैं ने कई कैमरों के सामने कहा कि “उनके दलित वोटर्स शिकायत कर रहे हैं कि बीजेपी एक एंटी दलित पार्टी है।”
बीजेपी पर बहुत बड़ा आरोप-
उनका कहना है कि “बीजेपी में अपर कास्ट के नेताओं को तो मंत्री बना दिया गया, लेकिन उन्होंने दलितों को ना जगह दी और ना ही अहमियत दी। इसके साथ ही उनका कहना है कि दलितों को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।” रमेश जिगाजीनाजी ने बीजेपी पर बहुत बड़ा आरोप लगाया है। आप लोग कह सकते हैं कि इस समय बीजेपी के दलित वोट बैंक उनसे नाराज़ हैं। सूत्रों के हवाले यह कहा जा रहा है कि इस समय पार्टी रमेश जिगाजीनाजी को समझाने में लगी है। हालांकि यह पहली बार नहीं हैं जब रमेश जिगाजीनाजी ने ऐसी कोई बात कही है, वह एक बड़े दलित नेता हैं।
ध्यान दलित पर नहीं-
कुछ महीने पहले बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था, कि सभी वोट मांगते समय दलितों से कई वादे करते हैं, उन्हें वोट देने के लिए मनाते हैं, लेकिन जब वह उस पद पर पहुंच जाते हैं, तो वह बिल्कुल बदल जाते हैं। उनका ध्यान दलित पर नहीं जाता। इसके साथ ही सूत्रों के हवाले से यह कहा जा रहा है कि इस समय पार्टी का नेतृत्व करने वाले पीएम मोदी और अमित शाह को दो बातों का डर सता रहा है। सबसे पहला डर यह है कि अभी सिर्फ किसी एक कि ओर से आवाज़ उठाई गई है।
दलित वोट बैंक–
कही बाकी जो बीजेपी नेता किसी कारण से उनसे नाराज़ हैं वह भी बगावत पर ना उतर आएं। दूसरा डर दलित वोट बैंक का डगमगाना है। क्योंकि दलित वोट बैंक काफी बड़ा है और उत्तर प्रदेश के चुनाव में उन्हें इसी वोट बैंक के चलते हारना पड़ा था और अभ पार्टी के अंदर से ही किसी ने ऐसा कह दिया है तो वोट बैंक डगमगा सकता है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या बीजेपी में और ऐसे नेता हैं जो पीएम मोदी से नाराज़ हैं और अगर हैं तो क्या वह इस मुश्किल समय में जब बीजेपी बैसाखी पर है, तब बगावत करेंगे या खुल कर अपनी नाराज़गी जताएंगे। आईए विशेषज्ञों का कहना है जानते हैं-
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बगावत का धुआं गुबार-
विशेषज्ञों का कहना है कि बीजेपी इन सभी चीज़ों के क्लेरीफाई करती है और यह दिखाती है कि वह दलितों का कितना सम्मान करते हैं, लेकिन उन्होंने खुद ही दलितों के आरक्षण को खत्म किया है। इसके साथ ही उनका कहना है कि रमेश जिगाजीनाजी अकेले ऐसे नेता नहीं है जो दलितों को लेकर बीजेपी से नाराज़ हैं ऐसे बहुत से नेता हैं जो नाराज़ हैं। विशेज्ञों का कहना है कि यह एक आवाज आगे जाकर और बढ़ सकती है और बगावत का धुआं गुबार बनकर बीजेपी में फूट सकता है। इसके साथ ही यह भी माना जा रहा है कि इस बार जो बीजेपी सिर्फ 240 पर सिमट गई, इसके पीछे दलित सबसे बड़ा कारण हैं।
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