जूली चौरसिया
Yogi Adityanath: इस समय यह चर्चा हो रही है कि बीजेपी में अमित शाह और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच कोल्ड वॉर चल रहा है। सूत्रों के हवाले से यह कहा जा रहा है कि शाह और योगी के बीच यह कोल्ड वॉर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है, बल्कि और ज्यादा बढ़ता जा रहा है। जिसके चलते अब यह खबरें आ रही हैं कि Yogi Adityanath की कुर्सी खतरे में है। ध्यान देने वाली बात यह है कि बीजेपी में अमित शाह का पक्ष काफी मजबूत है। सूत्रों के हवाले से यह कहा जा रहा है कि अमित शाह और उनके सहयोगियों का यह मानना है कि इस बार लोकसभा चुनाव में जो बीजेपी को हार मिली है उसका कारण योगी द्वारा बनाई गई नीतियां हैं।
अमित शाह ने एक मिटिंग रखी (Yogi Adityanath)-
दरअसल बात यह है कि कुछ दिनों पहले अमित शाह ने एक मिटिंग रखी थी, जिसमें कई महीसचीव शामिल थे। सूत्रों के हवाले से यह कहा जा रहा है कि शाह ने बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष को लखनऊ में हार के कारण की जांच करने की ज़िम्मेदारी दी। जिसके बाद वह दो दिन जांच के लिए लखनऊ में रहे, जहां उन्होंने मिटिंग के ज़रिए रिपोर्ट के लिए अन्य कार्यकर्ताओं से बातचीत की। इस मिटिंग में योगी आदित्यमाथ भी शामिल हुए थे। हालांकि अब रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसके बाद उसे मोदी और शाह के सामने पेश किया जाएगा।
रिपोर्ट की तैयारी (Yogi Adityanath)-
इस रिपोर्ट की तैयारी होने के बाद से ही यह अटकलें लगाई जा रही हैं, कि योगी की कुर्सी खतरे में है। अब सवाल यह उठता है कि उस रिपोर्ट में ऐसा क्या लिखा है? सूत्रों के हवाले से ये कहा जा रहा है कि इस रिपोर्ट में योगी के बारे में इस रिपोर्ट में बहुत कुछ लिखा गया, जिसके मुताबिक योगी आदित्यनाथ ने ऑफिसर्स को बहुत छूट दी हुई है, चाहे वह पुलिस हो या अन्य अधिकारी। इसके अलाव इसमें यह बी कहा गया है कि बीजेपी नेताओं की वहा कोई सुनता ही नहीं है।
विधानसभ चुनाव-
इसके सात ही एक और कारण बताया जा रहा है कि धर्म को लेकर कुछ ज्यादा ही ध्रुवीकरण हो गया। यानी हिंदू मुस्लिम ज्यादा हो गया, जिसके चलते बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि दलित भी इस हार का कारण हैं जो सपा की ओर झुक गए। सूत्रों के हवाले से यह कहा जा रहा है कि अमित शाह की लोबी का कहना है कि कहीं हमें लोकसभा की तरह ही विधानसभ चुनाव में हार का सामना ना करना पड़े। वहीं दूसरी योगी लोबी का कहना है कि सारी गलती योगी जी की कैसे है? क्योंकि सब कुछ तो अमित शाह के कहने पर किया जा रहा था।
चुनाव योगी की अग्नि परीक्षा-
कुछ लोगों का कहना है कि अगर योगी आदित्यनाथ विधानसभा चुनाव में अगर 10 में से 10 सीटें जीत जाते हैं तो वह अपने आपको साबित कर सकते हैं। लेकिन अगर वह इसमें सिर्फ 4 या 5 पर सिमट जाते हैं तो उनकी कुर्सी खतरे में पड़ सकती है। यानि यह चुनाव योगी की अग्नि परीक्षा होगी। अब सवाल यह उठता है कि शाह और योगी के बीच चल रही यह कोल्ड वॉर खत्म होगी या नहीं? या योगी अपनी कुर्सी को बचाने के लिए कोई योजना बनाएंगे?
जिम्मेदार योगी आदित्यनाथ-
विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय जो बीजेपी के हालाता हैं यानी इस बार जो गठबंधन की सरकार बनी है, उसका सबसे बड़ा कारण यूपी में हुई हार है। जिसका जिम्मेदार योगी आदित्यनाथ को ठहराया जा रहा है और इसी की विशलेषण करने के लिए बीजेपी नेता द्वारा लखनऊ में रहकर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जिसके चलते यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि योगी की कुर्सी खतरे में है। इसके साथ ही सवाल यह उठता है कि आखिर शाह और योगी में कोल्ड वॉर क्यों है, इसका कारण क्या है?
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कारण-
विशेषज्ञों का कहना है कि मोदी के बाद योगी आदित्यनाथ काफी लोकप्रिय नेता हैं और शाह पक्ष को यह डर है कि इनकी लोकप्रियता अगर इतनी ज्या बढ़ गई या उनकी जड़ें ज्यादा मज़बूत हो गई तो वह पीएम की कुर्सी तक जा सकते हैं। उनका मानना है कि इससे पहले वह इतना आगे बढ़ें हमें उन्हें हटा देना चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले विधान सभा चुनाव ही योगी का भविष्य तय करेंगे। क्योंकि उनके सामने एक मजबूत विपक्ष है तो कुछ भी हो सकता है। इसका जवाब सिर्फ समय ही दे सकता है।
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