Up Politics: इस बार के लोकसभा चुनाव के बाद से ही यूपी की राजनीति चर्चा में बनी हुई है और इसकी सबसे बड़ी वजह, जो सब जानते हैं, यूपी में बीजेपी का खराब प्रदर्शन है। साल 2019 में जिस पार्टी ने 69 सीटों पर हासिल की थी, वह 2024 सिर्फ 33 सीटों पर ही सीमित रह गई। उत्तर प्रदेश को बीजेपी का किला कहा जाता है, किले में सेंध लगी है, आंतरिक और बाहरी तौर पर उठा पटक भी नजर आ रही है। ऐसा ही कुछ बीजेपी के प्रदेश इकाई में भी नजर आ रहा है। पिछले कुछ दिनों से खबरें सामने आ रही हैं, बहुत सी बैठकें हो रही है। रिपोर्ट आ रही है और बयानबाजी भी की जा रही है।
भाजपा के अंदर उथल-पुथल-
जिससे बहुत से संकेत मिलते हैं, उत्तर प्रदेश की सत्तारुढ़ी भाजपा के अंदर उत्तर-पुथल मची है और इससे यह चर्चा जोरों पर है कि बीजेपी आलाकमान राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में संगठनात्मक फेर बादल की संभावना तलाश कर रही है। यह खबरें हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच रही हैं। भाजपा के अंदर कुछ तो पक रहा है, बुधवार की सुबह 11:00 बजे जब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में पर चर्चा करने के लिए अपने मंत्रियों से मुलाकात की।
सभी बातों की जानकारी-
उनकी मुलाकात से पहले सोशल मीडिया पर ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी, कि कुछ बड़ा होने वाला है। यहां तक के ऐसे भी अनुमान लगाए जा रहे थे, कि सीएम योगी आदित्यनाथ अपने पद से इस्तीफा देने वाले हैं। लेकिन यह सिर्फ एक मुलाकात थी। सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर उन्हें सभी बातों की जानकारी दी। ऐसा कहा जा रहा है कि उन्होंने राज्य में पार्टी की संगठनात्मक मामलों से जुड़े बहुत से मुद्दों की जानकारी उन्हें दी और यह भी चर्चाओं में एक खास चर्चा बनी हुई है।
केशव प्रसाद मौर्य का ट्वीट-
इसके अलावा सबसे ज्यादा चर्चा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के दिल्ली पहुंचने और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करने के बाद से ही शुरू हो रही है। इससे पार्टी के अंदर मौजूद नेतृत्व के खिलाफ विरोध की आवाज को लेकर भी बाहर चर्चा होने लगी है। केशव प्रसाद मौर्य का एक ट्वीट है, जिसमें लिखा गया था कि संगठन से बड़ा कोई नहीं होता है। अखिलेश यादव ने बयान जारी कर कहा कि मौजूदा सरकार के अंदर जारी लड़ाई से जनता को नुकसान हो रहा है।
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मतभेदों को लेकर चर्चा-
इससे पहले भी बहुत बार सीएम योगी आदित्यनाथ डिप्टी सीएम केशव मौर्य के बीच मतभेदों को लेकर चर्चा होती रही है। लेकिन यह फिर से खुलकर सामने आ गया है। जब उपमुख्यमंत्री मौर्य, योगी और जेपी नेता की मौजूदगी में राज्य पार्टी की बैठक में कहा गया कि संगठन हमेशा सरकार से बड़ा होता है और कोई भी संगठन से बड़ा नहीं हो सकता है। उत्तर प्रदेश जैसा राज्य भाजपा के लिए जरूरी है। पार्टी आलाकमान इस मामले को लेकर हर संभव प्रयास कर रही है। यह महत्वपूर्ण इसलिए हो जाता है क्योंकि राज्य में आने वाले कुछ दिनों में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं और पार्टी बिल्कुल नहीं चाहेगी कि चुनाव में लोकसभा चुनाव का प्रदर्शन दोहराया जाए।
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