UP: कावड़ यात्रा को देखते हुए योगी आदित्यनाथ में बड़ा कदम उठाते हुए उत्तर प्रदेश में कावड़ मार्गों पर रेहड़ी फेहरी और दुकानदारों को नंबर प्लेट लगाने के आदेश दिए है। इस नेमप्लेट पर दुकान और उसके मलिक का नाम जरुर लिखा होना चाहिए। इसके साथ ही उसे अपनी पहचान के बारे में भी बताना होगा। दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से यह फैसला कावड़ यात्रियों की आस्था की सुचिता बनाए रखने के लिए लिया गया है। इसके साथ ही हलाल सर्टिफिकेट वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कार्यवाही की जाएगी।
सौहाद्र बिगाड़ने वाला फैसला (UP)-
अब तक यह फैसला पहले सिर्फ मुजफ्फरनगर में लागू किया गया था, लेकिन अब इसे पूरे उत्तर प्रदेश में लागू कर दिया गया है। इस पर राजनीतिक भी शुरू हो चुकी है। सामाजिक सौहाद्र बिगाड़ने वाला फैसला करार दिया है। भगवान शिव के भक्त हर साल कावड़ यात्रा पर जाते हैं, यह पवित्र यात्रा सावन के महीने में शुरू होती है और इस यात्रा में यात्री भगवा वस्त्र पहनकर यात्रा करते हैं। इस साल यह पवित्र यात्रा 22 जुलाई 2024 से शुरू होने वाली है। इस यात्रा पर ज्यादातर लोग इन राज्यों से कावड़ लेकर गुजरते हैं। यही वजह है कि सरकार भक्तों की सुविधा के लिए हर बंदोबस्त करती है।
एडवाइजरी जारी (UP)-
उत्तर प्रदेश सरकार ने कावड़ यात्रा के दौरान हथियारों के प्रदर्शन पर रोक लगाने के संबंध में बाकायदा एक एडवाइजरी जारी की है। महीने चलने वाली कावड़ यात्रा के दौरान डीजे और धार्मिक गाने सीमा के अंदर ही बजाए जाएंगे। इसके अलावा डीजीपी प्रशांत कुमार का कहना है, यात्रा को ध्यान में रखते हुए यातायात व्यवस्था में बदलाव किया गया है। भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक रहेगी, इसके अलावा 21 जुलाई के मध्य रात्रि से दिल्ली एक्सप्रेसवे, देहरादून एक्सप्रेसवे और चौधरी चरण सिंह प्रवेश पर भी रोक लगाई गई है।
यह दुकानें रहेंगी बंद-
भक्तो को भाला, त्रिशूल और किसी तरह के हथियार लेकर ना चलने की सलाह दी गई है। वहीं कावड़ यात्रा मार्ग पर डीजे बजाने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा, लेकिन आवाज को निर्देशों के मुताबिक तय सीमा के अंदर ही बजाना होगा। यात्रा मार्ग पर शराब या मास की दुकानों भी बंद रहेंगी। आवारा जानवरों पर यात्रा के दौरान प्रतिबंध रहेगा और इस पर सिर्फ एंबुलेंस को जाने की इजाजत दी जाएगी। दुकानों के ऊपर नेमप्लेट लगाने के आदेश को लेकर आईएएनएस एक अहम वजह बताई है।
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क्यों लिया गया यह फैसला-
उन्होंने यह तर्क दिया है की कावड़ मार्ग को लेकर जैसे प्रत्येक साल होता आ रहा है, कुछ लोगों ने इस बात पर आपत्ति प्रकट की थी, कि जब कांवड़िये आते हैं तो सामान की कीमतों को लेकर विवाद होता है। इसके साथ और किसी और के नाम पर कोई और सामान देता है। ऐसी ना हो इसलिए सभी होटल, ढाबों और जितने भी रास्ते की खान-पान की दुकानें हैं, यह आदेश उन सब पर लागू होता है। पूरे प्रदेश में जितने भी कावड़ मार्ग हैं यह आदेश उन सभी पर लागू होगा। कावड़ मार्ग पर सारे दुकानदार अपनी दुकानों पर नाम जरूर लिखेंगे।
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