Manu Bhaker: रविवार को पेरिस में चल रहे हैं, ओलंपिक 2024 में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल कॉम्पटीशन में भारत की प्रसिद्ध निशानेबाज़ मनु भाकर ने भारत को पहला पदक दिलाया। उन्होंने 22 साल की उम्र में ही ओलंपिक में निशानेबाज़ी पदक हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रच दिया। हालांकि मनु भाकर के लिए यह सफर आसान नहीं था। यह मनु भाकर का दूसरा ओलंपिक है। उन्होंने पिछले यानी टोक्यो ओलंपिक 2020 में अपना डेब्यू किया था। लेकिन 10 मीटर एयर पिस्टल क्वालीफिकेशन राउंड के दौरान उनकी पिस्टल खराब हो गई, जिसकी वजह से पिछली बार वह मेडल नहीं जीत पाईं।
25 मीटर पिस्टल स्पर्धा (Manu Bhaker)-
इसके अलावा मिक्सड टीम 10 मीटर पिस्टल और 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में वह पहला पदक हासिल करने में चूक गईं थी। हालांकि पेरिस के 2024 ओलंपिक शूटिंग कॉम्पटीशन में 22 साल की मनु भाकर महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल, महिलाओं की 25 मीटर एयर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल टीम से कम्पीट कर रही हैं। वह 21 सदस्य भारतीय शूटिंग टीम से कई व्यक्तिस्पर्धा में हिस्सा लेने वाली एकमात्र एथलीट है। मनु ने साल 2023 एशियन शूंटिंग चैंपियनशिप में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में पांचवा स्थान प्राप्त किया था।
कॉमनवेल्थ गेम्स की चैंपियन (Manu Bhaker)-
जिसके बाद भारत के लिए पेरिस 2024 और ओलंपिक कोटा हासिल किया। मनु भाकर आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय हैं। वह गोल्ड कोस्ट 2018 में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कॉमनवेल्थ गेम्स की चैंपियन भी हैं। जहां उन्होंने CWG रिकॉर्ड के साथ शीर्ष पद हासिल किया। मनु भाकर ब्यूनस आयर्स 2018 में यूथ ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय निशानेबाज और देश की पहले एथलीट भी हैं। उन्होंने पिछले साल एशियाई खेलों में महिलाओं की 25 मीटर टीम पिस्टल का खिताब जीता था।
कौन हैं मनु भाकर-
मनु भाकर का जन्म हरियाणा के झज्जर में हुआ था। स्कूल के दिनों में वह टेनिस, मुक्केबाजी और स्केटिंग के मुकाबले में हिस्सा लिया करती थी। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाली “थान टा” नामक एक मार्शल आर्ट में भी पार्टिसिपेट किया था। मुक्केबाजी के दौरान मनु की आंख पर चोट लग गई। जिसके बाद उनका बॉक्सिंग का सफर वहीं खत्म हो गया। लेकिन मनु के अंदर खेल को लेकर जो जुनून था, उसके चलते वह एक बेहतरीन निशानेबाज बनने में कामयाब रहीं।
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14 साल की उम्र में मनु ने शूटिंग में अपना करियर बनाने का फैसला लिया। उस समय रियो ओलंपिक 2016 खत्म हुआ था। इसके एक हफ्ते के अंदर उन्होंने अपने पिता से शूटिंग पिस्टल खरीदने को कहा, उनके पिता जिनका नाम रामकिशन भाकर है, ने उन्हें एक बंदूक खरीद कर दी। उनके पिता ने उन्हें हमेशा सपरेट किया और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। जिसके चलते आज मनु भाकर ने पूरे देश का नाम दुनिया में रोशन किया।
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