विवो इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेरोम चेन ने 30 जुलाई को जारी एक रिपोर्ट में बताया कि कंपनी की नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट इस साल के अंत तक पूरी तरह से चालू हो जाएगी। इससे कंपनी की उत्पादन क्षमता दोगुनी हो जाएगी। चेन ने यह भी कहा कि चीनी स्मार्टफोन मेकर स्थानीय नेतृत्व नियुक्त करने और स्मार्टफोन में वैल्यू एडिशन के स्तर को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम-
चेन ने कहा, “हमें नई मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी में अपना काम शुरू करने पर गर्व है। यह फैसिलिटी, जब पूरी तरह से चालू हो जाएगी, तो हमें अपनी मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी को दोगुना करने का विकल्प देगी। साथ ही यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करेगी।”
भारत में 10 साल का सफर-
विवो ने भारत में अपने 10 साल पूरे होने के मौके पर 2023 इंडियन इम्पैक्ट रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में टॉप एग्जीक्यूटिव ने बताया कि विवो ने भारत में 3,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
उत्पादन और निर्यात में बड़ी उपलब्धियां-
रिपोर्ट में कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े भी शामिल हैं:
- ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश में 15 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन का निर्माण
- 2.5 करोड़ 5G फोन का उत्पादन
- 2022 से 400 करोड़ रुपये मूल्य के डिवाइस का निर्यात
भविष्य की योजनाएं-
विवो इंडिया अब स्थानीय नेतृत्व को बढ़ावा देने और स्मार्टफोन में वैल्यू एडिशन बढ़ाने पर फोकस कर रहा है। नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के साथ, कंपनी भारत में अपनी उपस्थिति और मजबूत करने की उम्मीद कर रही है।
विवो का भारतीय बाजार में योगदान-
पिछले 10 वर्षों में, विवो ने भारतीय स्मार्टफोन बाजार में अपनी एक मजबूत पहचान बनाई है। कंपनी ने न केवल रोजगार के अवसर पैदा किए हैं, बल्कि भारत के डिजिटल इकोसिस्टम में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के साथ, विवो अब ‘मेक इन इंडिया’ पहल को और बढ़ावा देने की उम्मीद कर रहा है। यह कदम न केवल कंपनी के लिए, बल्कि भारत के स्मार्टफोन सेक्टर के लिए भी एक बड़ा बूस्ट साबित हो सकता है।
भारतीय उपभोक्ताओं के लिए यह खबर अच्छी है, क्योंकि इससे देश में निर्मित उच्च गुणवत्ता वाले स्मार्टफोन की उपलब्धता बढ़ेगी। साथ ही, यह कदम रोजगार सृजन और तकनीकी कौशल विकास में भी मदद करेगा।