Delhi Mumbai-Expressway: अगर आप भी दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे पर सफर करने का इंतजार कर रहे थे, तो आपके इंतजार का समय थोड़ा और बढ़ चुका है। क्योंकि इसके काम को खत्म होने की नई तारीख का ऐलान किया गया है। पहले इसके इस साल के आखिर तक तैयार होने की उम्मीद जताई जा रही थी। लेकिन इसमें कम से कम एक और साल लग सकता है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को संसद को यह सूचना दी, कि एक्सप्रेसवे अगले साल अक्टूबर 2025 तक पूरा हो जाएगा।
Delhi Mumbai-Expressway का निर्माण-
उनका कहना है कि दिल्ली मुंबई-एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग 82% तक पूरा हो चुका है। इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 1,386 किलोमीटर है जिसमें से जून तक 1,136 किलोमीटर का निर्माण हुआ है और इसका निर्माण 53 पैकेजों में किया जा रहा है। जिसमें से 26 पैकेजों का काम पूरा हो चुका है। दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे के पूरा होने की तारीख पहले भी बहुत बार टाली जा चुकी है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी NHAI द्वारा इसका निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना को 2018 में लॉन्च किया गया था और इसे 5 सालों में पूरा किया जाना था।
यात्रा का समय लगभग आधा-
मार्च 2019 में केंद्रीय मंत्री ने इसकी आधारशिला रखी थी, पिछले साल 12 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के दौसा और हरियाणा के सोहाना के बीच एक्सप्रेसवे के पहले हिस्से का उद्घाटन किया, जो करीब 209 किलोमीटर लंबा है। फिलहाल दिल्ली से मुंबई तक एक्सप्रेसवे बहुत से चरणों में चालू है। इसके पूरा होने के बाद दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे दोनों शहरों के बीच की यात्रा के समय को लगभग आधा कर देगा। नितिन गडकरी के मुताबिक सड़क मार्ग से यह दूरी तय करने में सिर्फ 12 घंटे का समय लगेगा। इस समय दिल्ली से मुंबई तक की यात्रा करने में 24 घंटे का समय लगता है। यह जयपुर जैसे शहरों को भी दिल्ली के करीब ला देगा, जिसका सफर लगभग 3 घंटे का है।
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खासियत-
इसके अलावा दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे पर भारत के किसी भी एक्सप्रेसवे से ज्यादा गति सीमा लागू की गई है। कार जैसे हल्के वाहन 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकते हैं। वही ट्रैकों और बसों जैसे भारी वाहनों की गति सीमा कम होने की संभावना है। यह एक्सप्रेसवे आठ लेन का है। दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे भारत के सबसे चौड़े राजमार्गों में से एक है। इसमें एंट्री के लिए दोनों तरफ सर्विस लेन भी उपलब्ध कराई जाएगी। भविष्य में एक्सप्रेसवे को 12 लेने तक बढ़ाया जा सकता है। एक्सप्रेसवे को विकसित करने के लिए कुल 15,000 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है।
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