Swati Maliwal: गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को आम आदमी पार्टी के मुखिया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी विभव कुमार की ज़मानत याचिका पर नोटिस जारी किया है। विभव कुमार को केजरीवाल के घर के अंदर मारपीट के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने आम आदमी पार्टी का सांसद स्वाति मालीवाल पर हमला किया था। अगली सुनवाई 7 अगस्त को निर्धारित की गई है। विभव कुमार को इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय और एक निचली अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया था।
न्यायिक हिरासत-
16 जुलाई तक विभव कुमार को न्यायिक हिरासत में रखा गया और उन पर आपराधिक धमकी, महिला पर हमला, बल का इस्तेमाल करने और हत्या के प्रयास करने का आरोप लगाया गया है। आज सुबह सुनवाई में न्यायालय ने कहा कि हम सामान्यतः जमानत देते हैं, हम हत्यारों को भी जमानत देते हैं। लेकिन भविष्य के लिए इसे एक बुरे संकट के रूप में देखा जा सकता है। न्यायालय ने यह भी कहा कि एफआईआर देखें। वह हमले के दौरान रो रही थीं और वह इस तर्क से सहमत नहीं हैं, कि अगर विभव कुमार को जमानत दी गई, तो वह गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे।
“विभव कुमार गुंडा”-
न्यायमूर्ति सूर्यकांत दीपक, न्यायमूर्ति दीपंकर और न्यायमूर्ति उज्जवल की पीठ में टिप्पणी की गई, कि अगर इस प्रकार का व्यक्ति प्रेशर नहीं डाल सकता, तो कौन डाल सकता है। क्या ड्राइंग रूम में कोई था, जो उनके खिलाफ बोल सके। हमें लगता है कि उन्हें शर्म नहीं आती। अदालत में विशेष रूप से कड़ी टिप्पणी करते हुए विभव कुमार को गुंडा भी कहा। इससे पहले विभव कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने स्वाति मालीवाल द्वारा शिकायत दर्ज करने में की गई देरी पर सवाल उठाया। उन्होंने 13 मई को स्वाति मालीवाल के दिल्ली के सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन जाने और उनकी FIR में अजीब कहानी का हवाला दिया।
16 मई को FIR दर्ज-
उन्होंने कहा कि यह घटना 13 मई की है FIR 16 मई को दर्ज की गई। एफआईआर में कहानी अजीब है, वह पहले दिन पुलिस स्टेशन गई, लेकिन वापस आ गई फिर दर्ज क्यों नहीं की। 3 दिन बाद चोटों के साथ FIR दर्ज की गई। सिंघवी ने यह भी तर्क दिया कि स्वाति मालीवाल की शिकायतों में विरोधाभास (Contradiction) है। यहां तक की ट्रायल कोर्ट को भी जमानत दे दे दी चाहिए थी। अपनी शिकायत में स्वाति मालीवाल ने कहा कि उन्हें पेट और अन्य जगहों पर चोटे आई हैं और वह पूरी तरह से सदमें थीं। बार-बार मदद के लिए चिल्ला रही थीं। उन्होंने पुलिस को बताया कि खुद को बचाने के लिए, उन्होंने अपने पैरों से उसे धक्का दिया।
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आम आदमी पार्टी ने दावा किया-
इसके अलावा विभव कुमार ने स्वाति के आरोपों का खंडन किया। आम आदमी पार्टी ने दावा किया कि यह भारतीय जनता पार्टी का साजिश है। पिछले महीने विभव की जमानत अपील पर ट्रायल कोर्ट के फैसले से पहले स्वाति ने यह दावा किया था कि अगर विभव कुमार को जेल से रिहा किया गया, तो उनके और उनके परिवार की जान को खतरा होगा। इस मामले पर आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच राजनीतिक टकराव हो गया, भाजपा ने केजरीवाल पर अपने सहयोगी को बचाने का आरोप लगाया है। बीजेपी ने इस मुद्दे पर कई विरोध प्रदर्शन भी किए हैं।
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