Foreign Policy: इस समय जो बांग्लादेश का हाल है, उसका गहरा असर बारत पर पड़ रहा है, क्योंकि दोनों देश एक-दूसरे के बहुत करीब हैं और बांग्लादेश से भारत के अच्छे व्यापारिक रिश्ते भी हैं। शेख हसीना, जिनेक खिलाफ बांग्लादेश के लोगों में इतना आक्रोश भरा हुआ है। उन्हें भारत ने शरण दी है और अब बांग्लादेश में नई सरकार के गठन की बातें चल रही है। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि क्या नई सरकार बनने के बाद भारत के रिश्ते बांग्लादेश से पहले की ही तरह अच्छे रहेंगे या सरकार की विदेश नीति फेल हो चुकी है। भारत का बंग्लादेश का व्यापार करीब 16 बिलियन डॉलर का है, अगर यह रिश्ते खराब होते हैं तो भारत के ट्रेड पर इसका काफी असर पड़ेगा।
विदेश नीति फेल-
विदेश नीति फेल होने का सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि हमारे पड़ोसी देश जैसे पाकिस्तान, नेपाल और श्री लंका से हमारे रिश्ते पहले जैसे नहीं हैं, तो अब बांग्लादेश एक बड़ा चैलेंज हैं। इससे यह भी सवाल उठता है कि अगर भारत के लिए बांग्लादेश एक बड़ा चेलैंज है, तो देश की सरकार इसका सामना कैसे करेगी। हालांकि समूचे विपक्ष ने ऑल पार्टी मिटिंग में सरकार के फैसलों को समर्थन देने का फैसलै किया है। विपक्ष का कहना है कि बेशक हम संसद में लड़ेंगे, लेकिन इस मामले हम आपके सभी फैसलों का समर्थन करेंगे।
बांग्लादेश का मुद्दा इतना ज्यादा सेंसेटिव क्यों?
अब सवाल यह भी उठ रहा है कि भारत के लिए बांग्लादेश का मुद्दा इतना ज्यादा सेंसेटिव क्यों है? विशेषज्ञों के मुताबिक इसके बहुत से कारण है, इसमें सबसे पहला कारण यह है कि भारत के पूरे नॉर्थ ईस्ट का बॉर्डर बांग्लादेश से जुड़ा हुआ है, दूसरा कारण है इमिग्रेशन क्योंकि भारत के बहुत से लोग अब सवाल यह भी उठ रहा है कि भारत के लिए बांग्लादेश का मुद्दा इतना ज्यादा सेंसेटिव क्यों है? विशेषज्ञों के मुताबिक इसके बहुत से कारण है, इसमें सबसे पहला कारण यह है कि भारत के पूरे नॉर्थ ईस्ट का बॉर्डर बांग्लादेश से जुड़ा हुआ है, बांग्लादेश के चारों तरफ से भारत से जुड़ा हुआ है। दूसरा कारण है इमिग्रेशन, क्योंकि भारत के बहुत से लोग बांग्लादेश में हैं और वहां के भी कई लोग भारत में हैं।
विशेषज्ञों का क्या कहना है-
तीसरा सबसे बड़ा कारण यह है कि रिश्ते खराब होने से आईएसआई, पाकिस्तान और म्यांमार की एंट्री। इसलिए इसलिए यह मामला और ज्यादा गंभीर है। यही कारण है कि इस मामले से निपटने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों एक साथ हैं। भले ही देश का प्रधानमंत्री कोई भी हो लेकिन अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों से निपटने लिए साथ आना ज़रुरी है। हालांकि अगर इस चैलेंज से निपटने की बात की जाए तो विशेषज्ञों का मानना है कि भारत सरकार ने सिर्फ शेख हसीना से ही अच्छे संबंध स्थापित नहीं किए हैं। वहां अभी भी बहुत से ऐसे लोग मौजूद हैं, जिसके भारत सरकार से अच्छे संबंध है। इसके साथ ही बांग्लादेश की मिलिट्री फोर्स और भारत की फोर्स के संबंध भी काफी अच्छे हैं।
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शेख हसीना का भारत में ठहरना-
विशेषज्ञों का कहना है कि शेख हसीना के रविवार को भीड़ को कुचलने का फैसला सुनाने के बाद यह हालात हुए हैं। लेकिन क्योंकि अब वह देश से जा चुकी हैं, तो हो सकता है कि कुछ दिन में वहां मामला शांत हो जाएगा और वहां नई सरकार का गठन किया जाएगा। हालांकि अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो वहां की सेना इस मामले को खत्म करके शांति कि स्थापना कर देगी, जो सभी के लिए सही होगा। लेकिन एक और बड़ा चैलेंज भारत के लिए यह भी है कि शेख हसीना भारत में ठहरी हई हैं और अगर वह ज्यादा दिन तक भारत में रहीं, तो बांग्लादेश के लोगों का गुस्सा भारत की ओर आ सकता है। हालांकि उन्हे एकदम से देश छोड़कर जाने के लिए भी नहीं कहा जा सकता। लेकिन अच्छा यही होगी की वह जल्द से जल्द किसी अन्य देश के लिए रवाना हो जाएं।
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