उत्तर प्रदेश के शामली जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने स्थानीय लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। हरिद्वार से लौट रहे कुछ श्रद्धालुओं को शाकाहारी बताकर मांसाहारी बिरयानी बेचने का आरोप एक दुकानदार पर लगा है। इस घटना ने शहर में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है। पुलिस ने आरोपी दुकानदार को हिरासत में ले लिया है लेकिन अभी तक साबित नहीं हो पाया है बिरयानी मांसाहारी थी या शाकाहारी।
क्या हुआ था शामली में?
रविवार, 4 अगस्त 2024 की शाम को शामली के कांधला बस अड्डे पर यह घटना हुई। हरियाणा के पानीपत से आए चार युवक, जिनमें अनुज कुमार भी शामिल थे, हरिद्वार से गंगाजल लेकर लौट रहे थे। थके-हारे इन श्रद्धालुओं ने जब खाने की तलाश की, तो उन्हें एक ठेले पर बिरयानी की दुकान दिखी।
“हमने दुकानदार से पूछा कि क्या बिरयानी शाकाहारी है,” अनुज ने बताया। “उसने हमें आश्वस्त किया कि यह बेज बिरयानी है, जो पूरी तरह से वेज है।”
धोखे का खुलासा-
लेकिन जब युवकों ने खाना शुरू किया, तो उन्हें कुछ गड़बड़ लगी। एक साथी ने जब दुकानदार का बर्तन खोलकर देखा, तो पता चला कि अंदर चिकन बिरयानी थी।
“हम सावन का व्रत रख रहे थे और गंगाजल लेकर लौट रहे थे,” अनुज ने कहा। “यह हमारी धार्मिक भावनाओं के साथ सीधा खिलवाड़ था।”
तनाव और पुलिस की कार्रवाई-
जब युवकों ने दुकानदार से शिकायत की, तो वह उनसे भिड़ गया। मामला बढ़ता देख स्थानीय लोग भी जमा हो गए। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया।
पुलिस ने दुकानदार को हिरासत में ले लिया, जिसने अपना नाम तनवीर बताया। थाना प्रभारी ने कहा, “हम मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं। किसी की भी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”
धार्मिक नेताओं की प्रतिक्रिया-
इस घटना पर मुजफ्फरनगर के प्रसिद्ध धार्मिक नेता स्वामी यशवीर भारती ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कोई अकेला मामला नहीं है।
“कुछ दुकानदार जानबूझकर हिंदू श्रद्धालुओं का धर्म भ्रष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं,” स्वामी यशवीर ने कहा। “अगर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो हम तनवीर के घर के सामने धरना देंगे।”
समुदाय की प्रतिक्रिया-
स्थानीय हिंदू संगठनों ने भी इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। एक स्थानीय नेता ने कहा, “यह सिर्फ खाने का मामला नहीं है। यह हमारी आस्था और विश्वास से जुड़ा है।”
वहीं, कुछ मुस्लिम नेताओं ने भी इस कृत्य की निंदा की है। “अगर तनवीर दोषी पाया जाता है, तो उसे सजा मिलनी चाहिए,” एक मुस्लिम समुदाय के नेता ने कहा। “लेकिन हमें शांति बनाए रखनी होगी और कानून को अपना काम करने देना होगा।”
ये भी पढ़ें- बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों ने बोला प्रधानमंत्री के महल पर धावा, शेख हसीना ने पद से दिया..
आगे क्या?
पुलिस ने कहा है कि वे मामले की निष्पक्ष जांच कर रहे हैं। तनवीर से पूछताछ जारी है और उसके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है।
शामली के एसपी ने कहा, “हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं। अगर दुकानदार दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
इस घटना ने एक बार फिर खाद्य सुरक्षा और धार्मिक संवेदनशीलता के मुद्दे को उठाया है। स्थानीय प्रशासन ने सभी दुकानदारों को चेतावनी दी है कि वे अपने ग्राहकों को सही जानकारी दें और किसी की भी धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ न करें।
क्या आप जानते हैं?
– भारत में खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत किसी भी खाद्य पदार्थ के बारे में गलत जानकारी देना अपराध है।
– धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर आहत करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 295A के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
इस तरह के मामले समाज में तनाव पैदा कर सकते हैं। यह जरूरी है कि हम सभी एक-दूसरे की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करें और साथ ही कानून का पालन करें। क्या आपको लगता है कि इस मामले में और क्या किया जा सकता है? अपने विचार कमेंट में साझा करें।
ये भी पढ़ें- उद्धव ठाकरे तीन दिन की दिल्ली यात्रा पर, क्या होने जा रहा है कुछ बड़ा?