Shubham Vashist: जर्मनी में चल रही दूसरी विश्व बधिर शूटिंग चैंपियनशिप में भारत के युवा शूटर शुभम वशिष्ठ ने देश का नाम रोशन किया है। 10 मीटर पिस्टल इवेंट में शुभम ने अपनी शानदार परफॉरमेंस से ब्रॉन्ज मेडल जीतकर सभी को हैरान कर दिया है। आखिर कौन हैं ये शुभम वशिष्ठ, आइए जानते हैं इस rising star की कहानी-
कौन हैं Shubham Vashist?
शुभम वशिष्ठ हरियाणा के फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ के रहने वाले हैं। उनके पिता का नाम दिनेश शर्मा और माता का नाम सुषमा देवी है। तीन भाइयों में से शुभम सबसे छोटे हैं। बड़े भाई विक्रम वशिष्ठ सेंट्रल गवर्नमेंट में नौकरी करते हैं, जबकि मंझले भाई विपिन वशिष्ठ पिता के साथ कंपनी में काम करते हैं।
शूटिंग में कैसे हुई शुरुआत? (Shubham Vashist)
शुभम की शूटिंग यात्रा 2017 में शुरू हुई, जब वो महज 10 साल के थे। उन्होंने बल्लभगढ़ की 10x शूटिंग अकादमी में कोच राकेश सिंह के मार्गदर्शन में 10 मीटर एयर पिस्टल की ट्रेनिंग लेना शुरू किया। अपने पहले ही स्टेट लेवल टूर्नामेंट (हरियाणा स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप 2017) में शुभम ने 20 मीटर एयर पिस्टल (NR) चैंपियनशिप जूनियर मेन्स कैटेगरी में दूसरा स्थान हासिल किया।
नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर सफलता
2018 से शुभम ने नेशनल गेम्स में हिस्सा लेना शुरू किया। वह नेशनल शूटिंग कॉम्पिटिशन चैंपियनशिप, नॉर्थ जोन चैंपियनशिप, ऑल इंडिया कुमार सुरेंद्र सिंह मेमोरियल शूटिंग चैंपियनशिप और ऑल इंडिया जी.वी. मावलंकर शूटिंग चैंपियनशिप जैसी प्रतियोगिताओं में अपना जलवा दिखाते रहे। जनवरी 2022 से शुभम ने 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल और 50 मीटर पिस्टल इवेंट्स में भी भाग लेना शुरू किया। इसी साल उन्होंने ब्राजील के काक्सियास डो सुल में हुए 24वें समर डेफलिंपिक्स 2022 में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
जर्मनी में शानदार प्रदर्शन-
अब शुभम ने जर्मनी में चल रही दूसरी विश्व बधिर शूटिंग चैंपियशूटिंग में भारत को मिला नया सितारा: शुभम वशिष्ठ ने जीता ब्रॉन्ज मेडलनशिप में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। 10 मीटर पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर उन्होंने साबित कर दिया है कि वे वर्ल्ड स्तर पर भारत का नाम रोशन करने की क्षमता रखते हैं।
आगे की चुनौतियाँ-
शुभम की चुनौतियाँ अभी खत्म नहीं हुई हैं। उन्हें 4 सितंबर और 6 सितंबर को क्रमशः 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल और 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल के मुकाबलों में भी हिस्सा लेना है। उम्मीद है कि वे इन प्रतियोगिताओं में भी अपना बेस्ट देंगे और देश के लिए और मेडल्स जीतेंगे।
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शुभम की सफलता का राज-
शुभम की इस सफलता के पीछे उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण है। रावल कॉन्वेंट स्कूल से 12वीं पास करने के बाद उन्होंने अग्रवाल कॉलेज बल्लभगढ़ से B.Com ऑनर्स और M.Com की पढ़ाई की। लेकिन पढ़ाई के साथ-साथ वे अपने शूटिंग प्रैक्टिस पर भी पूरा ध्यान देते रहे।
युवा के लिए प्रेरणा-
शुभम वशिष्ठ की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है। उनकी सफलता बताती है कि अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हैं और कड़ी मेहनत करते हैं, तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। आशा है कि शुभम आने वाले समय में और भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे और देश का नाम विश्व स्तर पर रोशन करेंगे।
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