Monkeypox Virus: मंकी पॉक्स पूरी दुनिया में अपना कहर मचा रहा है। इस वाइरस को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 14 अगस्त को ही अलर्ट जारी कर दिया था। इसकी शुरुआत अफ्रीकी देशों से हुई है। वहां पर इसके मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। अब यह बहुत से देश में भी तेजी से फैल रहा है। भारत में भी इसके मामले सामने आ चुके हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो भारत में अब तक कुल 30 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
एडवाइजरी (Monkeypox Virus)-
मंकी पॉक्स के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों को एडवाइजरी जारी कर दी है। इस एडवाइजरी में संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेकिंग की सलाह दी गई है। रविवार को विदेश से लौटे एक व्यक्ति में मंकी बॉक्स वायरस के लक्षण देखने को मिले। स्वास्थ्य मंत्रालय ने केस पर नजर बनाई हुई है।
क्या है मंकी पॉक्स?
यह एक ऐसा वायरस है जो की सबसे पहले 1958 में बंदरों में फैल गया था। जिसे मंकी पॉक्स के नाम से जाना जाता है। अब धीरे-धीरे यह इंसानों में फैल रहा है। अब यह तेजी से इंसानों में भी फैलने लगा है। यह संक्रमण व्यक्ति के संपर्क में आने से तेजी से फैलता है और इसे मुंह, त्वचा और जनांन अंगों के सीधे संपर्क से होता है। मंकीपॉक्स वायरस में सिर दर्द, तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना आदि लक्षण नजर आते हैं। मंकी पॉक्स के लक्षण के नजर आने पर मरीज की जांच कर पहचान कर इलाज किया जा सकता है।
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बचाव के उपाय-
कर्मचारी मंकी पॉक्स के इलाज के दौरान पीपीई किट का इस्तेमाल करते हैं। मंकी पॉक्स वायरस में शरीर पर चेचक जैसे दाने भी निकल आते हैं। यह वाइरस जानवरों से फैल रहा है। कई जानवरों जैसे बंदरों के संपर्क में आने से बचें। इससे बचने के लिए सफाई का ध्यान रखें। किसी भी लक्षण या शरीर पर दाने नजर आने पर तुरंत डॉक्टर को बताएं। सार्वजनिक जगहों पर मुंह और नाक को ढक कर चलें और इससे बचने के लिए मंकी पॉक्स वैक्सीन की आप 28 दिनों के अंतराल में दोनों खुराक ले सकते हैं।
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