Akhilesh Yadav: इस समय उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर होने जा रहे, उपचुनाव को लेकर नेताओं के बीच में होड़ मची हुई है। इस उप चुनाव को लेकर आज जेपी जयंती के दिन भी जमकर सियासी बवाल हुआ। समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आज जबरदस्त शक्ति प्रदर्शन किया। अखिलेश यादव ने तो दुर्गा अष्टमी की पूजा और अन्य त्योहारों का हवाला देते हुए, भाजपा पर जमकर निसाना साधा। मोदी सरकार और योगी सरकार को उखाड़ देखने का दम भरने वाले अखिलेश यादव का मन नहीं भरा, तो उन्होंने JDU अध्यक्ष नीतीश कुमार को भी लपेटे में ले लिया।
जेपीएनआईसी में माल्यार्पण करने की योजना-
अखिलेश यादव ने जेपी जयंती पर लखनऊ में मौजूद जेपीएनआईसी में माल्यार्पण करने की योजना बनाई थी। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के नेताओं ने जेपी का एक नया स्टैच्यू भी मंगवा रखा था। इस काम के पीछे उनकी क्या सोच थी, इसे मूल मुद्दे की बात करें, तो लखनऊ विकास प्राधिकरण ने सपा के नेताओं को कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी थी। पुलिस ने अखिलेश यादव के घर के बाहर बहुत कड़ा पहरा लगा दिया। इसके बाद तय समय पर अखिलेश अपने घर से निकले और जेपी की मूर्ति को अपनी कार से कार्यकर्ता जहां पर ले गए, अखिलेश यादव ने वहीं पर माल्यार्पण कर अपने समर्थकों को संबोधित किया।
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Akhilesh Yadav said that Nitish Kumar should return to INDIA alliance as soon as possible
The kind of treatment BJP is giving to socialist leaders should make Nitish Kumar leave them
BJP’s self goal on JPNIC and Akhilesh making most out of it pic.twitter.com/jbZntzNgTs
— 𝐆𝖆𝖚𝖗𝖆𝐯 𝐘𝖆𝐝𝖚𝐯𝖆𝖓𝖘𝐡𝖎 (@the__loyalboy) October 11, 2024
नीतीश कुमार से अपील-
अखिलेश यादव का कहना है, कि भाजपा सरकार बेलगाम हो चुकी है, हमें त्यौहार नहीं मानने दे रही, जेपीएनआईसी को बेचना चाहती है। इसीलिए हमें वहां नहीं जाने दे रही है। केंद्र सरकार में जो समाजवादी विचारधारा से, जेपी की विचारधारा से थोड़ा भी इत्तेफाक रखते हैं ऐसे में हम उनसे कहते हैं कि, वह बीजेपी का साथ छोड़ सकते हैं। अखिलेश यादव ने कहा, मैं नीतीश कुमार जी से अपील करता हूं, कि वह तो जेपी आंदोलन से निकल निकले हुए नेता हैं। वह अपना केंद्र और सरकार से समर्थन वापस ले लें। क्योंकि भाजपा उनके कार्यक्रमों में अड़ंगा डाल रही है। वहीं इसके बाद जेडीयू अखिलेश यादव के इस बयान पर भड़क गई और कहा कि उन्हें खुद आत्ममंथन करने की ज़रुरत है।
जेपीईएनसी क्या है-
दरअसल बात यह है, कि अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट जेपीईएनसी था। साल 2012 की तत्कालीन सपा सरकार में अखिलेश यादव ने गोमती नगर में ताज होटल के पीछे जेपीईएनसी बनवाना शुरू किया था। 850 करोड रुपए इस पर खर्च किए गए थे। इसे बनाने का ठेका रियल एस्टेट कंपनी शालीमार को दिया गया था। यह इमारत 17 मंजिल की है, जिसमें बहुत से अच्छे-अच्छे इंतजाम भी किए गए थे। लेकिन साल 2017 में योगी सरकार के आने से इसका निर्माण कार्य रुक गया।
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जिसके चलते अखिलेश सरकार में निर्माणाधिन जेपीएनआईसी में गड़बड़ी की खबरें सामने आने लगी। इस पर योगी सरकार ने जांच बिठाई, जांच के चलते जेपीएनआईसी का निर्माण अधूरा रह गया और फिलहाल यह किसी पुरानी बंद इमारत जैसा लगता है। जिसमें चारों ओर से झाड़ झंकार उठ चुके हैं। निर्माण कार्य से जुड़ा सामान बिखरा पड़ा है और इसी कारण लखनऊ विकास प्राधिकरण ने समाजवादी पार्टी के नेताओं को जेपी जयंती का कार्यक्रम करने की इजाज़त नहीं दी। आपकी जानकारी के लिए बता दें, की बात निकली तो दूर तक गई और सारा सियासी रायता फैल गए।
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