Batenge to Katenge: हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक नारा काफी चर्चा में बना हुआ और वह नारा है बटेंगे तो कटेंगे। हालांकि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने पहले ही इससे किनारा कर लिया था। अब इस पर रक्षा मंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह के साथ-साथ मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अलग रुख अपनाया है। हाल ही में सीएम योगी के नारे पर राष्ट्रीय कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी और कहा है, यह कि खुद बटेंगे और जल्दी हटाए जाएंगे। केशव प्रसाद मौर्य ने इस महीने की शुरुआत में ही एक इंटरव्यू में कहा था, कि यह नारा बीजेपी का नहीं है।
योगी आदित्यनाथ के नारे से किनारा (Batenge to Katenge)-
उन्होंने कहा था, कि हमारा नारा है, सबका साथ सबका विकास और सब का विश्वास। अब एक बार फिर से डिप्टी सीएम ने योगी आदित्यनाथ के इस नारे से किनारा करते हुए कहा, कि सीएम योगी ने यह नारा किस संदर्भ में और क्यों दिया है, इस पर मेरा बोलना ठीक नहीं है। लेकिन हमारे नेता पीएम मोदी हैं और हम उनके दिए गए नारे एक हैं तो सेफ हैं के साथ हैं। सीएम योगी के नारे से केशव प्रसाद मौर्य ने जब किनारा कर लिया, तो राजनाथ सिंह ने चुनाव प्रचार के दौरान वोटरों को सलाह दी, कि ना बटना है ना बांटना है।
राकेश त्रिपाठी ने दी प्रतिक्रिया (Batenge to Katenge)-
जबकि शिवराज सिंह चौहान ने नया नारा दिया जुड़ेंगे तो जीतेंगे, उधर लखनऊ में सांसद और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ना बटना है ना बांटना है, देश को एकजुट करना है। नारे पर भाजपा नेताओं के किनारा करने पर पार्टी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने प्रतिक्रिया दी है, उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में अभिव्यक्त करने के अलग-अलग तरीके होते हैं। हिंदी बहुत ही समृद्धशाली भाषा है, भले ही शब्द अलग हों, लेकिन भावनाएं सबकी एक हैं।
भाव में कोई परिवर्तन नहीं-
इस भाव में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं है, एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे में जो भाव है, वही भाव बटेंगे तो काटेंगे में है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक रहेंगे, सेफ रहेंगे। सीएम ने कहा कि एक रहेंगे, नेक रहेंगे। सब की भावनाएं एक ही हैं, सारी बातों का मर्म एक ही है। यह नारा सिर्फ चुनाव जीतने के लिए नारा नहीं है। यह सामाजिक तौर पर सबको एकजुट रखकर सबको साथ में लेकर चलने की बात है।
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नारे को समझने की जरूरत-
इसमें कोई मत भेद नहीं है, अगर कोई मतभेद करने का प्रयास करता है, तो वह असफल होता है। सीएम योगी के बटेंगे तो कटेंगे नारे पर भाजपा के ही नेताओं की ओर से किनारा करने पर राकेश त्रिपाठी ने कहा, कि अगर किसी नेता को इस नारे को समझने की जरूरत है, तो उनको निश्चित तौर पर पार्टी से संवाद करना चाहिए। केशव प्रसाद मौर्य से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, कि डिप्टी सीएम ने इस नारे पर आपत्ति नहीं जताई है। सभी नारों का मतलब और भाव एक ही है।
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