Pratap Sarangi and Mukesh Rajput: गुरुवार को भाजपा ने यह दावा किया, कि उसके दो सांसद ओडिशा के बालासोर से प्रताप चंद्र सारंगी और उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद से मुकेश राजपूत, विपक्षी सांसदों द्वारा कथित तौर पर धक्का देने के बाद घायल हो गए हैं। क्योंकि दोनों पक्ष बीआर अंबेडकर के मुद्दे पर विरोध कर रहे थे। दोनों सांसदों को फोन कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। दोनों सांसदों को आरएमएल अस्पताल ले जाया गया और ऐसा कहा जा रहा है, कि राजपूत आईसीयू में भर्ती हैं। 69 वर्षीय सारंगी दो बार के सांसद और दूसरी एनडीए सरकार में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री हैं। वह साल 2019 में तब चर्चा में आए थे, जब दिल्ली जाने से पहले अपने साधारण से घर में एक साधारण बैकपैक करते हुए उनकी तस्वीर वायरल हुई थी।

ओडिशा के सांसद सारंगी (Pratap Sarangi and Mukesh Rajput)-
वहीं ओडिशा के सांसद सारंगी की बात की जाए, तो वह एक सख्त राजनीतिक कार्यकर्ता, अलग-अलग और स्पष्ट बोलने वाले के रूप में जाने जाते हैं। कुछ साल पहले क्षेत्रीय चैनल ओटीवी को दिए गए, एक इंटरव्यू में सारंगी से पूछा गया था, कि क्या वह अविवाहित या ब्रह्मचारी हैं, पर सारंगी ने ब्रह्मचारी के सवाल पर तुरंत अविवाहित और फिर नहीं कहा था। 2019 के लोकसभा चुनाव में सारंगी ने दिग्गज नेताओं, मौजूदा सांसद रवींद्र कुमार जैन और तत्कालीन राज्य कांग्रेस प्रमुख निरंजन पटनायक के बेटे नवज्योति पटनायक को हराकर 12,000 से भी ज्यादा मतों से जीत हासिल की थी। (Pratap Sarangi and Mukesh Rajput)
9 अपराधिक मामले दर्ज-
जबकि 5 साल बाद उन्होंने अपनी पूर्व पार्टी सहयोगी में शामिल हो गए थे और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीकांत जैन को 1 लाख से ज्यादा वोटों से हराया। अपने चुनावी हलफनामे में साल 2024 में सारंगी ने 45.5 लख रुपए की चल संपति और 4.3 लाख रुपए की अचल संपत्ति घोषित की। उनकी आय का स्रोत पेंशन और कृषि है और उनके खिलाफ 9 अपराधिक मामले दर्ज हैं। साल 2019 ऑस्ट्रेलिया ईसाई मिशनरी स्टैंड और उनके दो बच्चों को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर जलाकर मार डाला, तब सारंगी संगठन के राज्य अध्यक्ष थे और उन्होंने मामले में गवाह के तौर पर आयोग के सामने गवाही दी थी और कहा था, कि मुख्य आरोपी दारा सिंह बजरंग दल से जुड़ा नहीं था।

मुकेश राजपूत (Pratap Sarangi and Mukesh Rajput)-
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद से तीन बार सांसद रहे चुके, राजपूत को राज्य के प्रमुख लोक नेताओं में से एक माना जाता है। जिन्हें पूर्व सीएम कल्याण सिंह ने चुना था। सिंह के करीबी मानें जाने वाले राजपूत साल 2009 में पूर्व सीएम के साथ बीजेपी से बाहर हो गए और उन्हें क्रांति पार्टी का राज्य उपाध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने 200-2012 के दौरान दो बार फर्रुखाबाद के जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। राजपूत ने साल 2014 में मौजूदा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद को हराकर एक बड़े नेता बनकर उभरे थे, जो चौथे स्थान पर थे।
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चुनावी हलफनामा-
5 साल बाद राजपूत ने बीएसपी उम्मीदवार मनोज अग्रवाल और खुर्शीद को हराया, जो इस बार दूसरे स्थान पर थे। हाल ही के लोकसभा चुनाव में राजपूत ने फिर से जीत हासिल की। लेकिन इस बार उन्होंने सपा के नवल किशोर शाह को सिर्फ 2000 मतों से हराया। उनके चुनावी हलफनामे के मुताबिक, राजपूत के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है और उनके पास 1.6 करोड़ रुपए की चल और 7.8 करोड रुपए की अचल संपत्ति है। संसद में उन्होंने स्थानीय क्षेत्र विकास योजना कृषि संबंधी समिति जैसी कई समितियों के सदस्य के रूप में काम किया है।
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