TRAI: भारत की दूरसंचार क्षेत्र की नियामक संस्था यानी TRAI (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने हाल ही में एक जरूरी कदम उठाते हुए, मोबाइल सेवा प्रदाताओं को वॉइस कॉल और एसएमएस सेवाओं के लिए अलग से रिचार्ज प्लान तैयार करने के आदेश दिए हैं। यह आदेश उन यूजर्स के लिए खास तौर पर फायदेमंद होगा, जो सिर्फ वॉइस एसएमएस सेवाओं का ही इस्तेमाल करते हैं, डेटा उनके लिए जरूरी नहीं है और जो इसमें अपने पैसे खर्च नहीं करना चाहते। TRAI ने टेलीकॉम कंज्यूमर प्रोटक्शन विनियम 2024 के तहत एक आदेश जारी किया। जिसमें उसने मोबाइल यूजर्स को वॉइस कॉल और एसएमएस के लिए अलग से टैरिफ वाउचर पेश करने के आदेश दिए हैं। जिसमें डेटा शामिल नहीं किया जाएगा।
इस फैसले का उद्देश्य (TRAI)-
इसका उद्देश्य यूजर्स को अपनी जरूरत के मुताबिक सिर्फ वॉइस और एसएमएस सेवाओं के लिए ही भुगतान करने का ऑप्शन देता है। इसके अलावा TRAI का यह भी कहना है, कि STV और CV की वैधता को 90 दिनों से बढ़ाकर 365 दिनों तक किया जाए। जिससे यूजर्स को बार-बार रिचार्ज करने की समस्या से छुटकारा मिल सके। इसके साथ ही 10 रुपए के एक टॉप अप वाउचर को बनाए रखने का भी आदेश दिया गया है। TRAI ने यह फैसला किया है, कि अब मोबाइल सेवा प्रदाता वाउचर के रंगों को कोडिंग के रूप में ना दिखाएं। क्योंकि अभ ज्यादातर रिचार्ज ऑनलाइन होते हैं।

TRAI ने क्यों लिया ये फैसला-
भारत में बड़ी संख्या में लोग एसएमएस और वॉइस कॉल सेवाओं का ही इस्तेमाल करते हैं और उन्हें डाटा पैक से कोई लेना-देना नहीं होता। हालांकि ज्यादातर टेलिकॉम कंपनी ने वॉइस कॉल, एसएमएस और डाटा को एक साथ मिलकर रिचार्ज प्लान पेश किए हैं। जिसका नतीजा यह हुआ, कि जो सिर्फ वॉइस और एसएमएस चाहते थे। उन्हें भी डेटा के लिए अलग से पैसे देने पड़ते थे। TRAI के मुताबिक भारत में करीब डेढ़ सौ मिलियन यूजर्स आज भी फीचर फोन का इस्तेमाल करते हैं और उन्हें सिर्फ वॉइस कॉल और एसएमएस की ही जरूरत होती है। ऐसे यूजर्स के लिए वॉइस और एसएमएस ऑन रिचार्ज प्लान बहुत जरूरी साबित होगा। क्योंकि यह उन्हें सिर्फ अपनी जरूरत के लिए भुगतान करने का ऑप्शन देता है।
वॉइस और एसएमएस पैक से फायदा(TRAI)-

इस आदेश का लाभ विशेष तौर पर बुजुर्गों और ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों और फीचर फोन यूजर्स को मिलेगा। इनमें से कई लोग स्मार्टफोन और डेटा सेवाओं का इस्तेमाल नहीं करते और उनकी सिर्फ वॉइस कॉल और एसएमएस की जरूरत होती है। इन वर्गों के लिए अलग से वॉइस और एसएमएस पैक पेश करने से वह जरूरी खर्च से बच सकेंगे। इस बदलाव से दूसरे सिम कार्ड धारकों को भी फायदा होगा, जो सिर्फ ओटीपी, आधार वेरिफिकेशन या आइटीआर फाइलिंग जैसे कामों के लिए दूसरे नंबर का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे यूजर्स को सिर्फ वॉइस कॉल और एसएमएस पैक की जरूरत होती है और उन्हें डेटा के लिए भुगतान करने की जरूरत नहीं होती। इसके अलावा, जो लोग घर पर सिर्फ ब्रॉडबैंड का इस्तेमाल करते हैं। वह अपने मोबाइल डेटा के लिए रिचार्ज करने वक्त ज्यादा खर्च से बच जाएंगे।
प्राइवेट टेलिकॉम ऑपरेटरों ने किया विरोध-

हालांकि TRAI के इस कदम के बावजूद कई प्राइवेट टेलिकॉम ऑपरेटरों ने इसका विरोध किया है। उनका कहना है, कि वॉइस कॉल और एसएमएस पैक पेश करने से डेटा इंक्लूजन की दिशा में कदम पीछे हट सकता है। उनका मानना है, कि आजकल इंटरनेट पर आधारित सेवाओं के लिए डाटा जरूरी है। इसके अलावा विश्लेषकों का कहना है, कि वॉइस और एसएमएस पैक की जरूरत से ARPU पर असर पड़ सकता है। क्योंकि ऐसे पैक सस्ते होंगे और स्मार्टफोन यूज़र्स, जो सिर्फ वॉइस और एसएमएस का इस्तेमाल करना चाहते हैं। वह इन पैक पर स्विच कर सकते हैं। वहीं यूजर्स ने टेलिकॉम ऑपरेटर के विरोध के तर्कों को खारिज किया है। उनका कहना है, कि बुजुर्ग और ग्रामीण क्षेत्र के लोग डेटा सेवाओं का इस्तेमाल नहीं करते हैं और उनके लिए वॉइस और एसएमएस ऑन पैक एक सस्ता और अच्छा समाधान है।
यूजर्स का कहना है, कि इस बदलाव से यूजर्स को अपने खर्चे पर ज्यादा कंट्रोल मिलेगा और वह अपनी जरूरत के हिसाब सेवा को चुन पाएंगे। इसके साथ यह बदलाव ऐसे लोगों के लिए भी फायदेमंद है, जो सिर्फ ओटीपी और आधार सत्यापन के लिए फोन का इस्तेमाल करते हैं।
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कई देशों में पहले ही लागू-
TRAI के इस कदम को लेकर बहुत से देश का उदाहरण दिया जा सकता है। जहां पहले ही वॉइस कॉल और एसएमएस पैक पेश किए जा चुके हैं। बांग्लादेश में बंगाली और ग्रामीण फोन जैसे प्रमुख टेलीकॉम ऑपरेटर वॉइस और एसएमएस ऑन पैक को वैधता के साथ पेश करते हैं। वहीं अमेरिका में टेलर जैसे ऑपरेटर अपने ग्राहकों को कस्टम मिनिस्टस और फ्री एसएमएस पैक की पेशकश करते हैं। वहीं पाकिस्तान में टेलीनोर और उफोन जैसे ऑपरेटर Voice-Only और SMS-Only पैक पेश करते हैं।
TRAI का यह कदम यूजर्स को ज्यादा विकल्प देने, उनके खर्चों को कंट्रोल करने और डिजिटल सेवाओं के इस्तेमाल की स्वतंत्रता को बढ़ाने की दिशा में एक जरूरी कदम है। जबकि टेलीकॉम ऑपरेटर के विरोध के बावजूद यह बदलाव उन यूजर्स के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकते हैं, जो सिर्फ वॉइस और एसएमएस सेवाएं चाहते हैं। यह कदम टेलीकॉम क्षेत्र में ज्यादा कॉम्पटीशन और यूजर्स रिलिफ की दिशा में सकारात्मक बदलाव का संकेत है।
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