One Island, One Resort Plan: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में, पिछले साल मालद्वीप से उभरी कूटनीति और तनातनी के बीच पर भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इंटरनेशनल स्टेज के पर्यटन केंद्र खोलने की घोषणा की थी। इस योजना के तहत केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने अंडमान निकोबार लक्षद्वीप और दमन द्वीप जैसे द्वीपों पर रिसॉर्ट विकसित करने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत सरकार का उद्देश्य भारत के तटीय द्वीपों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन केंद्रों में बदलना है। हर द्वीप पर एक रिसोर्ट का विकास, विदेशी और भारतीय पर्यटकों को आकर्षित करना और समुद्री इको टूरिज्म को बढ़ावा देना है।
मालद्वीप की तर्ज पर विकसित (One Island, One Resort Plan)–
भारत के पास 1300 से ज्यादा द्वीप हैं, जिनमें से 289 चट्टानी द्वीप इको टूरिज्म के लिए बहुत उपयुक्त माने गए हैं। इस योजना के तहत इन द्वीपों को पर्यटकों के लिए तैयार किया जाएगा। इसका उद्देश्य भारतीय द्वीपों को मालद्वीप की तर्ज पर विकसित करना है। इसके साथ ही भारतीय द्वीप पर रिजॉर्ट विकसित होने से मालद्वीप की अर्थव्यवस्था पर प्रत्यक्ष असर पड़ सकता है। क्योंकि सैलानी भारत की तरफ रुख कर सकते हैं। मालद्वीप की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से पर्यटन पर आधारित है, जहां भारत में दुनिया भर के पर्यटक आते हैं।
कौन से द्वीप हैं शामिल?
इसके साथ ही द्वीप पर रिजॉर्ट बनाने के साथ-साथ सरकार प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र और जैव विविधता के संरक्षण पर भी जोर दे रही है। यह सुनिश्चित किया जाएगा, कि विकास परियोजना पर्यावरण स्थिरता के साथ आगे बढ़े। शुरुआत में 10 द्वीपों को रिसॉर्ट और अन्य सुविधा के विकास के लिए चुना गया है। इसमें एवेस, लॉन्ग, लिटिल अंडमान, रॉस, स्मिथ द्वीप शामिल है। इसके साथ ही बंगाराम, चेरियाम, मिनिकॉय, सुहेली और इन्नाकारा लक्षद्वीप शामिल है। इसके दूसरे चरण में 17 और द्वीपों का चयन किया जाएगा। जिसमें अंडमान निकोबार के 12 और लक्षद्वीप के पांच द्वीप शामिल होंगे।
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द्वीपों पर बहुत सी सुविधाएं मौजूद होंगी-
इस योजना के मुताबिक, द्वीपों पर बहुत सी सुविधाएं मौजूद होंगी, जैसे पर्यावरण के अनुकूल रहने के लिए आवास, लग्जरी पर्यटन अनुभव, वॉटरफॉल समुद्र तटीय गांव, स्थानीय कला और सांस्कृतिक प्रदर्शन पर्यटकों को स्थानीय अनुभव देगा। इस योजना को सफल बनाने के लिए मंत्रालय और संस्थाओं को शामिल किया गया है।
जिसमें रिसॉर्ट और पर्यटन केंद्र का विकास, सुरक्षा और निगरानी, तटीय इलाकों में रणनीतिक समर्थन, पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखना और केंद्र शासित स्थानीय समर्थन शामिल है। नीति आयोग ने पहले ही इस तरह की योजना पर अध्ययन कराया था और अब इसे जमीनी स्तर पर लागू किया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, परियोजना आखिरी चरण में है और जल्द ही इसका ऐलान किया जाएगा।
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