HMPV Virus: पिछले कुछ दिनों से भारत में HMPV वायरस काफी चर्चा में बना हुआ है, चीन में इस वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जिससे भारत में भी चिंताएं बढ़ गई हैं। कुछ लोगों ने इसकी तुलना कोविड-19 महामारी से की है। वहीं जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने लोगों को आश्वासन देते हुए स्पष्ट किया है, कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है, कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है, इसकी पहली बार साल 2001 में पहचान की गई थी। एचएमपीवी हवा के माध्यम से फैलता है और सभी आयु के लोगों को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा, कि यह वायरस सर्दियों और शुरुआती वसंत के महीने में फैलता है और सरकार इसकी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।
स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए तैयारी (HMPV Virus)-
आईसीएमआर और राष्ट्रीय रोग नियंत्रक केंद्र घटनाक्रम पर नजर रखें रहे हैं और किसी भी उभरती हुई स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए तैयारी सुनिश्चित कर रहे हैं। इसी बीच केंद्र ने मंगलवार को राज्यों से देश में श्वसन संबंधी बीमारियों पर निगरानी रखने और उनकी समीक्षा करने के लिए कहा है। देश में अब तक इस वायरस के साथ मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से कर्नाटक में 2, तमिलनाडु में 2 और गुजरात में 1 एचएमपीवी के मामले सामने आए हैं और सभी मामले 3 महीने से लेकर 13 साल की उम्र तक के बच्चों में पाए गए हैं। मुंबई में 6 महीने के एक बच्चे को एचएमपीवी वायरस का आठवां और महाराष्ट्र में तीसरा मामला सामने आया है।

भारत में HMPV वायरस के मामले(HMPV Virus)-
शिशु को 1 जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसमें गंभीर खांसी, ऑक्सीजन के स्तर में 84% तक की गिरावट और सीने में जकड़न के लक्षण नजर आए थे। महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तराखंड, उड़ीसा, बिहार, झारखंड और हिमाचल प्रदेश समेत कई राज्यों ने लोगों को घबराने की सलाह नहीं दी है। इस सब के बीच मिज़ोरम में एचएमपीवी के प्रसारण की निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया गया है। देश में एचएमपीवी वायरस के 5 से ज्यादा मामले सामने आने के बाद बिहार सरकार ने वायरस के संभावित प्रसारण को रोकने के लिए ज़रुरी कदम उठाए हैं।
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री-
समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने अधिकारियों को तैयारी सुनिश्चित करने दिशा निर्देश जारी करने और राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों में उपाय स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। बिहार स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को फ्लू डेस्क स्थापित करने और वायरस का पता लगाने के लिए आरटी पीसीआर जांच की तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। एचएमपीवी की निगरानी और प्रबंधन के लिए अतिरिक्त दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, जो कोविड-19 के समान लक्षणों वाला एक संक्रमण है। इसके साथ ही अधिकारियों को नियमित रूप से मरीजों की निगरानी करने और इन्फ्लुएंज़ा जैसी बीमारीयों समेत गंभीर श्वसन संक्रमण की दैनिक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।

एचएमपीवी की रोकथाम-
उन्होंने कहा, कि हमने अधिकारियों से एचएमपीवी की रोकथाम और प्रबंधन, प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों तैनात करने, जोखिम को कम करने के लिए वेंटीलेटर ऑक्सीजन, कोविड-19 दवा परीक्षण किट और सभी स्वास्थ्य संस्थानों में संक्रमण नियंत्रण प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले मंगलवार को उड़ीसा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मुकेश महालिंग ने लोगों से अपील की और कहा, कि एचएमपीवी वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने भरोसा दिलाया, कि राज्य सरकार स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
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उड़ीसा की स्थिति-
उन्होंने कहा, कि मैंने एचएमपीवी वायरस के संबंध में उड़ीसा की स्थिति पर राज्य के स्वास्थ्य विभाग के सचिव स्वास्थ्य निदेशक प्रमुख अस्पतालों के अधिकारियों के साथ वर्चुअल मोड में चर्चा की है। मैं राज्य सरकार की ओर से लोगों से आग्रह करना चाहता हूं, कि वह घबराएं नहीं। क्योंकि इस वायरस ने भारत के बहुत ज्यादा हिस्सों को प्रभावित नहीं किया है और उड़ीसा में सकारात्मक मामलों की रिपोर्टिंग भी शून्य है। पूरी तरह से उड़ीसा सरकार का स्वास्थ्य विभाग तैयार है, इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सभी दिशा निर्देशों का पालन करेगा।
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