India: सोशल मीडिया पर आजकल एक नया ट्रेंड शुरु हुआ है और यह कोई फैशन या नई गाड़ी का ट्रेंड नहीं है। यह भारत के अमीरों का देश छोड़ने का ट्रेंड है। जी हां आपने सही पढ़ा है। पिछले कुछ सालों में भारत के बहुत से बड़े और अमीर लोग देश छोड़कर विदेशों में बसने जा रहे हैं। पिछले साल ही लगभग 8,000 से ज्यादा HNIs (हाई नेट-वर्थ वाले लोगों) ने भारत को छोड़ दिया। वह लंदन, दुबई, सिंगापुर जैसे शहरों में जाकर बस रहे हैं और कुछ पुर्तगाल में भी अपने नए घर को ढूंढ रहे हैं। अब आप सोच रहे होंगे, कि ऐसा क्या हो गया, जो ये लोग अपना देश छोड़ रहे हैं, तो आज हम आपको इस बारे में बताने जा रहे, तो आईए विस्तार से जानते हैं-
टैक्स(India)-

भारत को छोड़कर जाने के पीछे कई वजह सामने आई हैं, जिनमें से एक टैक्स की दरें हैं। आज के समय में भारत में टैक्स की दर बहुत ज्यादा है और ज़्यादा आय वाले लोग ज्यादा टैक्स देने के लिए तैयार नहीं होते। वह ज़्यादा टैक्स देने के बजाय गोल्डन वीज़ा लेने को प्राथमिकता देते हैं, जिससे उनका टैक्स का बोझ हल्का हो सके और वह विदेश में आराम से रह सकें।
बिज़नेस करने में बाधाएं(India)-

इसके अलावा भारत में किसी भी बिज़नेस को खोलने, उसे बढ़ाने और उसे सही तरीके से चलाने में काफी प्रशासनिक तौर पर काफी मुश्किलें आती हैं। कई बार सरकारी नियमों और कागजी कार्यवाही में इतना समय और मेहनत लग जाती है, कि लोग अपनी एनर्जी और इनवेस्टमेंट को यहां लगाना नहीं चाहते। वहींं अन्य देशों में जाकर उन्हें इन परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है और वह आराम से अपने बिज़नेस को आगे बढ़ा सकते हैं।
सेफ और शांतिपूर्ण माहौल(India)-

वहीं अमीर लोग अक्सर यह कहते हैं, कि वे अपने बच्चों के लिए एक सेफ और शांतिपूर्ण माहौल चाहते हैं। भारत में बुरी सड़कों, बिजली की कटौती और खराब सुविधाओं के कारण उन्हें यहां रहने में मुश्किल होती है। इसलिए वे विदेशों में बसने को प्रायोरिटि देते हैं, जहां बेहतर सुविधाएं और सुरक्षा मिलती हैं।
गोल्डन वीज़ा(India)-

इसके साथ ही आजकल गोल्डन वीज़ा एक नया स्टेटस सिम्बल बन गया है। जहां पहले लोग महंगी कारों या आलीशान घरों के साथ अपनी प्रोपर्टी को शो करते थे, अब ये लोग विदेश के पासपोर्ट को ही अपनी नई पहचान मानते हैं। गोल्डन वीज़ा उन्हें एक नई सामाजिक स्थिति और पहचान देता है। इसके साथ ही यह उन्हें अपने बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा और जीवन में अपोर्चुनिटी भी देता है।
अमीर लोगों के जाने से भारत पर असर-

हालांकि भारत में इन लोगों का रहना भी ज़रुरी है। क्योंकि जब भारत के अमीर लोग देश छोड़कर विदेशों में बसने जाते हैं, तो इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। जब ये लोग अपना पैसा और निवेश विदेशों में लगाते हैं, तो भारत में निवेश कम हो जाता है। इससे हमारी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ता है। वहीं जब देश के बड़े लोग भारत छोड़ते हैं, तो यह आम लोगों के लिए एक संदेश होता है, कि अगर वे देश में रहकर समस्याओं का समाधान नहीं कर पा रहे हैं, तो हम क्या कर सकते हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर एफओएमओ-

जब लोग यह देखते हैं कि अमीर लोग विदेश में जाकर अच्छा जीवन जी रहे हैं, तो आम लोग भी इस ट्रेंड को फॉलो करने के बारे में सोचते हैं। इससे देश में एक राष्ट्रीय स्तर पर एफओएमओ (Fear of Missing Out) पैदा होता है। लेकिन एक दिलचस्प बात यह है, कि इन अमीरों का भले ही शरीर विदेशों में हो, लेकिन उनका दिल और यादें हमेशा भारत में रहती हैं। वह हमारे स्ट्रीट फूड और त्यौहारों को याद करते हैं। वे सोशल मीडिया पर भारतीय संस्कृति और परंपराओं का प्रचार करते हैं।
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लोगों के दिलों में भारत-

आखिरकार भारत की विशिष्टता और यहां की खुशबू, रंग और स्वाद इन लोगों के दिलों में हमेशा बसे रहेंगे। भले ही वह विदेशों में अपने आलीशान घरों में आराम से रहें हैं, लेकिन भारत का अपना एक अलग ही आकर्षण है जिसे वे कभी नहीं भूल सकते। भारत के अमीर लोग भले ही देश छोड़ रहे हों, लेकिन हम अपनी समस्याओं के बावजूद भारत की असली खूबसूरती को महसूस करते हैं। हम यह जानते हैं कि चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न आ जाएं, भारत के समोसे, चाय और जादू से कोई नहीं बच सकता।
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