Arvind Kejriwal: सोमवार को आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर से दिल्ली के जाट समुदाय को केंद्र की अन्य पिछड़ा वर्ग लिस्ट में शामिल करने की मांग की है। दरअसल सोमवार को अपने आवास पर केजरीवाल ने जाट नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्र में से कुछ में (खासकर बाहरी इलाकों में) जाट समुदाय की वोटों में अच्छी खासी हिस्सेदारी है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, कि यहां के जाट दिल्ली के ओबीसी लिस्ट में शामिल हैं। लेकिन केंद्र की लिस्ट में जाटों को शामिल नहीं किया गया है।
केजरीवाल ने लगया बीजेपी पर आरोप(Arvind Kejriwal)-
उन्होंने कहा, कि राजस्थान के जाटों को दिल्ली यूनिवर्सिटी और उनके कॉलेज में प्रवेश मिल सकता है। सफदरगंज अस्पताल, एम्स और सभी केंद्र सरकार के संगठनों में नौकरी मिल सकती है, लेकिन दिल्ली के जाटों को नहीं। उन्होंने कहा, कि देश के शीर्ष दो नेताओं पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के जाट समुदाय से यह वादा किया था, कि उन्हें केंद्रीय स्तर पर ओबीसी आरक्षण मिलेगा। लेकिन वादा अभी तक पूरा नहीं हो पाया।
आज अपने निवास पर जाट समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उन्होंने पिछले 10 सालों से आरक्षण के मुद्दे पर बीजेपी द्वारा ठगे जाने पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की, दिल्ली के जाट समाज के साथ अन्याय हो रहा है। आम आदमी पार्टी जाट समाज की इस जायज़ मांग के साथ है। pic.twitter.com/OqXgLUpsNA
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 13, 2025
केजरीवाल ने किए ये सवाल-
उन्होंने सवाल करते हुए कहा, कि मैं पीएम मोदी, अमित शाह और अन्य भाजपा नेताओं से पूछना चाहता हूं, कि वह दिल्ली के जाटों को केंद्र की लिस्ट में कब शामिल करेंगे। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, कि उनसे मुलाकात करने वाले जाट नेताओं के प्रतिनिधि मंडल ने पिछले 10 सालों में आरक्षण के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा धोखा दिए जाने और उनके साथ किए गए अन्याय पर रोश व्यक्त किया।
केजरीवाल पर बीजेपी ने किया पलटवार-
अरविंद केजरीवाल ने पिछले सप्ताह कहा था, कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक लेटर लिखकर दिल्ली के जाटों को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल करने की मांग की है। वहीं केजरीवाल पर पलटवार करते हुए, बीजेपी ने उनकी इस मांग को चुनावी हथकंडा बताया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बीजेपी की लोकसभा सांसद कमलजीत सेहरावत का कहना है, कि पिछले 10 सालों में दिल्ली में पूर्ण बहुमत वाली सरकार ने विधानसभा या किसी भी सार्वजनिक मंच पर इस मुद्दे को नहीं उठाया है और आरक्षण देना राज्य सरकार का मुद्दा है।
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राजनीतिक स्टंट-
जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाली सेहरावत का कहना है, कि पार्टी छोड़ चुके कैलाश गहलोत ने इस बात की पुष्टि की है, कि उन्होंने दिल्ली के पूर्व सीएम को दो से तीन बार दिल्ली जाट समुदाय को केंद्रीय आरक्षण में शामिल करने के बारे में बताया था। दिल्ली के जाट समुदाय को केंद्रीय आरक्षण में शामिल न किए जाने का एक मुख्य कारण दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की सरकार है। भाजपा नेता और NDMC के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने कहा, कि जाट आरक्षण सिर्फ एक राजनीतिक स्टंट है। क्योंकि चुनाव नज़दीक हैं और इसीलिए वह इस तरह के अटकांडे अपना रहे हैं। मुझे बीजेपी ने एनडीएमसी का उपाध्यक्ष बनाया है और मुझे जाट होने पर गर्व है।
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