Toll Pass: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 16 जनवरी 2025 को एक बड़ी घोषणा की है। सरकार निजी वाहन मालिकों के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों पर मासिक और वार्षिक टोल पास की सुविधा शुरू करने जा रही है। यह फैसला आम नागरिकों की सहूलियत और राजस्व प्रबंधन दोनों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
क्यों लिया गया यह फैसला? (Toll Pass)
गडकरी के मुताबिक, टोल व्यवसाय का अधिकांश राजस्व व्यावसायिक वाहनों से आता है, जो कुल राजस्व का 74 प्रतिशत है, जबकि निजी वाहनों से केवल 26 प्रतिशत राजस्व प्राप्त होता है। टोल बूथ पर लगने वाली लंबी कतारों और समय की बर्बादी को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।

मासिक और वार्षिक पास सिस्टम(Toll Pass)-
निजी वाहन मालिक एक निश्चित अवधि के लिए एकमुश्त शुल्क देकर राष्ट्रीय राजमार्गों पर आवागमन कर सकेंगे। इससे नियमित यात्रियों के लिए खर्च कम होने की उम्मीद है।
बैरियर-लेस टोल कलेक्शन-
सरकार ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) आधारित टोल संग्रह प्रणाली की शुरुआत करने जा रही है। यह अत्याधुनिक तकनीक टोल भुगतान में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी और प्रतीक्षा समय को कम करेगी।
टोल बूथों का रणनीतिक स्थानांतरण-
ग्रामीण समुदायों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए टोल बूथों का स्थान तय किया जाएगा। स्थानीय परिवहन में बाधा न आए, इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा।

लाभ और प्रभाव-
इस नई व्यवस्था से कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे-
- यात्रियों का समय और धन दोनों की बचत होगी
- टोल प्लाजा पर ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी
- प्रदूषण में कमी आएगी
- डिजिटल इंडिया को बढ़ावा मिलेगा
ये भी पढ़ें- भारत के सभी हिल स्टेशन्स पर क्यों हैं मॉल रोड? यहां जानें अनकही कहानी
आगे की राह-
परिवहन क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारतीय सड़क परिवहन व्यवस्था में एक नया अध्याय जोड़ेगा। मूल्य निर्धारण और समय-सीमा जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर काम चल रहा है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय जल्द ही विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा।
यह पहल न केवल टोल प्रबंधन को आधुनिक बनाएगी, बल्कि भारत सरकार की यात्री-केंद्रित सोच को भी दर्शाती है। टोल संग्रह की यह नई व्यवस्था देश के परिवहन क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत साबित होगी।
ये भी पढ़ें- भारत के अमीर क्यों छोड़ रहे हैं अपना देश? विदेश में रहने के लिए..