Jammu-Kashmir Health Crisis: हाल ही में जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के गांव में एक रहस्यमई बीमारी ने हड़कंप मचा दिया है। ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक महीने में इस बीमारी के कारण कम से कम 16 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 30 से अधिक लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं। अधिकारियों ने स्थिति पर नज़र रखने के लिए तत्परता दिखाते हुए जांच तेज कर दी है।
बीमारी का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है, जिससे स्थानीय लोग बेहद चिंतित हैं। ANI के मुताबिक, यह बीमारी मुख्य रूप से तीन आपस में जुड़ी परिवारों को प्रभावित कर रही है। ऐसे में चिकित्सा अधिकारियों की जांच इस रहस्य का पता लगाने के लिए जारी है।
स्वास्थ्य अधिकारियों की सक्रियता(Jammu-Kashmir Health Crisis)-
सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया, कि इस बीमारी की पहचान के लिए PGIMER चंडीगढ़, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) जैसे स्वास्थ्य संस्थानों से विशेषज्ञों की टीम बनाई जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि इस बीमारी के लक्षणों में स्वास्थ्य में गिरावट आना शामिल है, जो अस्पताल में भर्ती होने का कारण बन सकता है।
अधिकारी ने ANI को बताया, “हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। बीमारी और उससे संबंधित मौतों की रिपोर्ट 8-10 दिनों में उपलब्ध होगी।”
स्थानीय प्रशासन की तैयारियां(Jammu-Kashmir Health Crisis)-
स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित गांव में वायरस से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। चार वार्डों में चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई गई है और घर-घर जाकर परामर्श दिया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, आईसीएमआर ने नमूने एकत्र करना शुरू कर दिया है और चिकित्सक 24/7 उपलब्ध हैं।
एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, “बीमारी के लक्षणों और उसके विकास पर गहन अध्ययन किया जा रहा है। हमने बच्चों के मसले पर सभी आवश्यक परीक्षण किए हैं। इन बच्चों की हालत 2-3 दिन के भीतर गंभीर हो जाती है, जिससे कोमा और कई मामलों में मौत हो जाती है।”
जनता के लिए राहत की खबर-
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इस बीमारी के संक्रमित होने की कोई पुष्टि नहीं हुई है। मुख्यतः प्रभावित मामले तीन विशेष परिवारों से जुड़े रहने के कारण, आम जनता को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। अधिकारी ने कहा, “इन घटनाओं का दायरा सीमित है, जिससे यह सुझाव मिलता है कि इसका कारण संक्रामक नहीं है।”
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आगे की योजना और संभावित उपचार-
जैसे-जैसे मामले बढ़ते जा रहे हैं, स्वास्थ्य अधिकारियों की जांच और जन जागरूकता अभियान भी तेज किए गए हैं। प्रभावित परिवारों को एकत्रित कर उनकी चिकित्सा जांच और लक्षणों का मूल्यांकन जारी है। इससे न केवल बीमारी की पहचान होगी, बल्कि आगे के उपचार की दिशा में भी बेहतर समाधान निकलने की उम्मीद है।
अधिकारियों ने कहा, “हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं ताकि इस रहस्यमय बीमारी की जड़ का पता लगाया जा सके। लोग स्वस्थ रहें और घबराएं नहीं।”
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बादल गांव में हो रही घटनाएं एक गंभीर मुद्दा हैं, और यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि स्थानीय लोग और प्रशासन सहयोग से इस समस्या का सामना करें। इस समय राहत और समझ की जरूरत है, ताकि ऐसी घटनाओं से जल्द निपटा जा सके।
 
					 
							 
			 
                                 
                             