Siang Dam Project: भारत सरकार ने चीन की सीमावर्ती बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी कर ली है। अरुणाचल प्रदेश में सियांग नदी पर देश का सबसे बड़ा हाइड्रो पावर डैम बनाने की योजना को मंजूरी दे दी गई है। 1.5 लाख करोड़ रुपये की इस महत्वाकांक्षी परियोजना में 9.2 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी की स्टोरेज क्षमता होगी। यह प्रोजेक्ट न केवल ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि जल सुरक्षा की चुनौतियों का भी समाधान करेगा।
स्थानीय समुदायों की चिंताएं(Siang Dam Project)-
हालांकि, इस मेगा प्रोजेक्ट को लेकर स्थानीय समुदायों में चिंताएं भी हैं। क्षेत्र के कई लोगों की आजीविका संतरे की खेती पर निर्भर है, और उन्हें डर है कि डैम के निर्माण से उनकी खेती प्रभावित हो सकती है। पर्यावरणविदों ने भी इस परियोजना के पारिस्थितिक प्रभावों को लेकर सवाल उठाए हैं। वे विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखने की मांग कर रहे हैं।
सरकार का आश्वासन(Siang Dam Project)-
सरकार ने सभी हितधारकों को आश्वासन दिया है कि परियोजना के दौरान व्यवधानों को कम से कम रखा जाएगा और सतत विकास सुनिश्चित किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट क्षेत्र में भारत की रणनीतिक स्थिति को भी मजबूत करेगा। इतने बड़े प्रोजेक्ट में निवेश करके भारत न केवल ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना चाहता है, बल्कि अरुणाचल प्रदेश में आर्थिक विकास का मार्ग भी प्रशस्त करना चाहता है।
परोंग में शुरू हुई प्री-फीजिबिलिटी टेस्टिंग-
वर्तमान में, सियांग जिले के छोटे से गांव परोंग में प्री-फीजिबिलिटी टेस्टिंग के लिए ड्रिलिंग मशीनें लगाई गई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फिलहाल ड्रिलिंग कार्य परोंग तक ही सीमित रहेगा। डाइट डाइम और उगेंग जैसे अपस्ट्रीम स्थलों को इस चरण में विचार से बाहर रखा गया है। विशेषज्ञ परियोजना के अगले चरणों के लिए महत्वपूर्ण डेटा एकत्र कर रहे हैं।
विकास और पर्यावरण का संतुलन-
यह डैम भारत की आधुनिक बुनियादी ढांचे के विकास और राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जैसे-जैसे प्रोजेक्ट आगे बढ़ेगा, यह विकास और पारिस्थितिक-सामाजिक चिंताओं के बीच संतुलन बनाने की एक परीक्षा होगी। यह भविष्य में संवेदनशील क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर होने वाली परियोजनाओं के लिए एक मिसाल बन सकता है।
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रोजगार और विकास के अवसर-
इस हाइड्रो पावर डैम से क्षेत्रीय विकास को बल मिलने की उम्मीद है। यह प्रोजेक्ट स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा, बुनियादी ढांचे के विकास में मदद करेगा और सतत संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। इससे अरुणाचल प्रदेश के समग्र विकास को गति मिलने की उम्मीद है।
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