Union Budget 2025: भारत की अर्थव्यवस्था में किसानों का योगदान अतुलनीय है। उनकी आर्थिक मजबूती के लिए सरकार ने 2004 में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया – किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत। किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत किसानों को समय पर और पर्याप्त मात्रा में कृषि ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई। साल 2012 में इस योजना को और आसान बनाया गया और इलेक्ट्रॉनिक किसान क्रेडिट कार्ड की शुरुआत की गई।
तीन प्रमुख वित्तीय लाभ (Union Budget 2025)-
इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता है, कि किसानों को मात्र 4% वार्षिक ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना में किसानों को तीन प्रमुख वित्तीय लाभ मिलते हैं। सबसे पहले, सरकार की ओर से 2% का ब्याज अनुदान दिया जाता है। दूसरा, समय पर भुगतान करने पर 3% का अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलता है। इन दोनों लाभों को मिलाकर किसानों को केवल 4% की रियायती दर पर ऋण उपलब्ध हो जाता है, जो कि बाजार की तुलना में बहुत कम है।
किसके लिए है यह योजना?
योजना की व्यापकता इसकी सबसे बड़ी विशेषता है। इसमें न केवल जमीन के मालिक किसान, बल्कि किराएदार किसान, मौखिक पट्टेदार, और बटाईदार भी शामिल हैं। व्यक्तिगत और संयुक्त उधारकर्ता दोनों इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। साथ ही, स्वयं सहायता समूह (SHGs) और संयुक्त देयता समूह (JLGs) के सदस्य भी इस योजना के पात्र हैं।
आधुनिक तकनीक से लैस कार्ड-
किसान क्रेडिट कार्ड अब सिर्फ एक साधारण कार्ड नहीं रह गया है। यह आधुनिक तकनीक से लैस है और विभिन्न प्रकार के कार्ड उपलब्ध हैं-
मैग्नेटिक स्ट्राइप कार्ड:–
यह कार्ड पर्सनल आइडेंटिफिकेशन नंबर (PIN) के साथ आता है और इसे अंतरराष्ट्रीय मानक संगठन की पहचान संख्या (ISO IIN) दी जाती है। इससे किसान किसी भी बैंक के एटीएम और माइक्रो एटीएम का उपयोग कर सकते हैं।
यूरोपे, मास्टरकार्ड या वीज़ा–
अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप ये कार्ड किसानों को वैश्विक स्तर की सुविधाएं प्रदान करते हैं।
आधार लिंक्ड कार्ड:-
कुछ बैंक UIDAI के केंद्रीकृत बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण का उपयोग करते हैं। ऐसे में किसानों को मैग्नेटिक स्ट्राइप और PIN के साथ-साथ बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण की सुविधा वाला कार्ड दिया जाता है।
डिजिटल लेनदेन का सशक्त माध्यम-
किसान क्रेडिट कार्ड का उद्देश्य केवल ऋण प्रदान करना नहीं है। यह किसानों को डिजिटल अर्थव्यवस्था से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इससे किसान आसानी से इनपुट डीलर्स के साथ लेनदेन कर सकते हैं। जब वे अपनी उपज मंडियों या खरीद केंद्रों पर बेचते हैं, तो बिक्री की राशि सीधे उनके खाते में जमा हो जाती है।
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किसान क्रेडिट कार्ड योजना किसानों को वित्तीय स्वतंत्रता और सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल उन्हें आसान ऋण उपलब्ध कराती है, बल्कि आधुनिक बैंकिंग सुविधाओं से भी जोड़ती है। योजना का सरलीकरण और डिजिटलीकरण इसे और अधिक प्रभावी बनाता है, जो भारत के किसानों के लिए एक उज्जवल भविष्य की ओर इशारा करता है।
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