Sachin Tendulkar: भारतीय क्रिकेट के महानायक सचिन तेंदुलकर को शनिवार को मुंबई में आयोजित बीसीसीआई के वार्षिक नमन अवार्ड्स 2025 समारोह में प्रतिष्ठित कर्नल सी.के. नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। आईसीसी चेयरमैन जय शाह ने खचाखच भरे हॉल में स्टैंडिंग ओवेशन के बीच लिटिल मास्टर को यह सम्मान प्रदान किया।
Sachin Tendulkar पिता के मूल्यों का असर-
पुरस्कार लेने के बाद सचिन ने अपने जीवन के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को साझा किया। उन्होंने बताया, कि कैसे उनके पिता द्वारा सिखाए गए मूल्यों ने उनके करियर को एक नई दिशा दी। 90 के दशक में जब शराब और तंबाकू कंपनियां क्रिकेट बैट को विज्ञापन का माध्यम बना रही थीं, तब सचिन ने इन कंपनियों के साथ काम करने से मना कर दिया।
Sachin Tendulkar करियर का कठिन फैसला-
सचिन ने बताया, “90 के दशक के मध्य में मैंने दो साल तक बिना बैट कॉन्ट्रैक्ट के क्रिकेट खेला। उस समय शराब और तंबाकू कंपनियां बैट का इस्तेमाल करके जमकर प्रमोशन कर रही थीं। लेकिन हमारे घर में सभी ने मिलकर यह फैसला लिया था कि मैं तंबाकू या शराब का प्रमोशन नहीं करूंगा।” उन्होंने आगे कहा कि जब मूल्यों की बात आती है, तो उनका परिवार हमेशा उनकी रीढ़ की हड्डी और ताकत रहा।
नई पीढ़ी को सलाह-
मौजूदा क्रिकेटरों को संबोधित करते हुए सचिन ने कहा कि वे अपने करियर में किसी भी तरह के विचलन से बचें। उन्होंने कहा, “मैं कहूंगा कि क्रिकेट के बिना हम सब इस कमरे में नहीं होते। मेरे लिए यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा उपहार रहा है। हमारे पास बैट और बॉल है, और अगर इन पर मजबूत पकड़ नहीं है, या आप बैट और बॉल पर अपनी पकड़ खोने लगते हैं, तो धीरे-धीरे आप अपने करियर पर भी पकड़ खोने लगते हैं।”
युवा खिलाड़ियों को प्रेरित-
सचिन ने युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करते हुए कहा, कि जब हमारे पास सब कुछ हो तो उसकी कद्र करना और उचित व्यवहार करना बेहद जरूरी है। यह खेल और देश के नाम को आगे ले जाने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “बस बाहर जाओ, अपना सर्वश्रेष्ठ दो, और इस अवसर का पूरा फायदा उठाओ, क्योंकि आपको तब एहसास होता है जब आप क्रिकेट खेलना बंद कर देते हैं कि कुछ साल पहले आप कहां थे।”
ये भी पढ़ें- Virat Kohli: क्रिकेट की दुनिया के चमकते सितारे का करियर कैसे हुआ धुंधला, जानें कोहली के करियर की कहानी
विरासत और प्रेरणा-
सचिन तेंदुलकर की यह बातें न केवल क्रिकेट के लिए बल्कि जीवन के हर क्षेत्र के लिए प्रेरणादायक हैं। उनका जीवन दर्शाता है कि कैसे मजबूत नैतिक मूल्य और परिवार का साथ किसी व्यक्ति को महान बना सकते हैं। उनकी कहानी युवा पीढ़ी को सिखाती है कि सफलता के लिए केवल प्रतिभा ही नहीं, बल्कि मूल्यों और सिद्धांतों पर टिके रहना भी जरूरी है।
ये भी पढ़ें- टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट विवाद! धार्मिक कारणों से उज्बेक ग्रैंडमास्टर ने वैशाली से हाथ ना मिलाने के लिए मांगी माफी