Abu Azmi: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर एक बयान ने धमाका कर दिया है। समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने औरंगजेब को लेकर जो बयान दिया, उसने पूरे राज्य में राजनीतिक बवाल मचा दिया। उन्होंने न सिर्फ औरंगजेब को एक महान प्रशासक बताया, बल्कि यह भी कहा कि उनके शासनकाल में भारत की सीमाएं अफगानिस्तान और म्यांमार तक फैली थीं।
Abu Azmi क्या कहा अबू आजमी ने?
अपने एक साक्षात्कार में आजमी ने कहा, कि औरंगजेब को सिर्फ एक क्रूर शासक के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया, कि औरंगजेब एक महान प्रशासक थे, जिन्होंने मंदिर भी बनवाए। उनका यह बयान तब और भी विवादास्पद हो गया जब उन्होंने छत्रपति संभाजी महाराज के साथ औरंगजेब के संघर्ष को धार्मिक नहीं, बल्कि राजनीतिक बताया।
#WATCH | Lucknow: On Samajwadi party MLA Abu Azmi's statement on Aurangzeb, which he later withdrew, UP CM Yogi Adityanath says, " Remove that person from (Samajwadi) party and send him to UP, we will do his treatment. The person who feels ashamed about the heritage of… pic.twitter.com/SHXClYoyaz
— ANI (@ANI) March 5, 2025
Abu Azmi निलंबन का फैसला-
इस विवादास्पद बयान के बाद महाराष्ट्र विधानसभा ने आजमी पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें बजट सत्र के अंत तक के लिए निलंबित कर दिया। उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आजमी को सीधे-सीधे “देशद्रोही” कहा और कहा कि उन्हें विधानसभा में बैठने का कोई अधिकार नहीं है।
माफी और न्यायिक कार्रवाई-
बाद में, महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के प्रमुख ने अपने बयान के लिए माफी मांगी। हालांकि, उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके शब्दों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। उनका कहना था कि वे बस वही कह रहे थे जो इतिहासकारों ने पहले लिखा था।
VIDEO | Maharashtra Minister Nitesh Rane
(@NiteshNRane) on suspension of Samajwadi Party leader Abu Azmi from the state Assembly, says, "We are not satisfied with his suspension, we want that he should not be an MLA anymore. We have given a proposal that a committee should be… pic.twitter.com/7UYwcTXBaO
— Press Trust of India (@PTI_News) March 5, 2025
कानूनी उलझन-
इस विवाद में एक और मोड़ आया जब मनखुर्द-शिवाजी नगर से विधायक के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और मानहानि के आरोप में FIR दर्ज की गई। आजमी ने दावा किया कि उनका बयान फिल्म “छावा” के संदर्भ में था, जो छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगजेब के बीच के संघर्ष को दर्शाती है।
ये भी पढ़ें- क्रिकेट और राजनीति का महासंग्राम! रोहित शर्मा पर TMC नेता सौगत रॉय का विवादित बयान, कहा टीम से बाहर..
राजनीतिक संदेश-
यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति के बयान से कहीं अधिक है। यह हमारे इतिहास की व्याख्या, उसकी समझ और राजनीतिक विमर्श पर एक गहरी बहस को जन्म देती है। क्या इतिहास को केवल एक दृष्टिकोण से देखा जा सकता है? या फिर हमें विभिन्न परिप्रेक्ष्यों को समझने की आवश्यकता है। अबू आजमी का यह विवादास्पद बयान न केवल महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचाने का कारण बना, बल्कि इतिहास की व्याख्या पर भी एक महत्वपूर्ण बहस छेड़ दिया।
ये भी पढ़ें- क्या कांग्रेस कार्यकर्ता हिमानी नरवाल की हत्या थी प्री-प्लान्ड मर्डर? पुलिस का बड़ा खुलासा..
