Yamuna Cleaning: दिल्ली के जल संसाधन और बाढ़ नियंत्रण मंत्री पर्वेश वर्मा ने एक अभूतपूर्व पहल की है। उन्होंने खुद नाव पर सवार होकर यमुना नदी का निरीक्षण किया और एक शानदार उपलब्धि की घोषणा की, पिछले 10 दिनों में 1,300 टन कचरा नदी से हटाया गया है।
Yamuna Cleaning नई रणनीति का उद्घाटन-
2023 में दिल्ली में आई भयंकर बाढ़ ने लोगों को काफी परेशान किया था। वर्मा ने बताया कि पहले सभी बाढ़ नियंत्रण फाटक बंद थे, लेकिन अब उन्हें मरम्मत करके ऊंचा किया गया है ताकि भविष्य में बाढ़ से बचा जा सके।
VIDEO | After inspecting the ongoing anti-pollution drive at Yamuna ghat, Delhi Minister Parvesh Verma (@p_sahibsingh) says, “…We are working continuously to make Yamuna clean. In 2023, a flood-like situation was created. We have taken steps and I want to assure the people of… pic.twitter.com/cP3Smyvh4C
— Press Trust of India (@PTI_News) March 5, 2025
Yamuna Cleaning सफाई अभियान-
दिल्ली सरकार ने यमुना को पूरी तरह से साफ करने और पुनर्जीवित करने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इसके लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं:-
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STPs) के माध्यम से 18 प्रमुख नालों को नियंत्रित किया जाएगा। मंत्री का दावा है कि दो साल के भीतर सभी STPs स्थापित कर दिए जाएंगे। इसके अलावा, मौजूदा STPs की क्षमता में भी वृद्धि की जाएगी।
नदी तट का पुनर्निर्माण-
दिल्ली विकास प्राधिकरण नदी तट को पुनर्स्थापित करेगा। अवैध कब्जे हटाए जा रहे हैं, जिससे नदी के प्राकृतिक प्रवाह को बहाल किया जा सके।
पुरानी सरकारों पर निशाना-
पर्वेश वर्मा ने पिछली सरकारों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि पिछले दशक में यमुना की सफाई के लिए कोई महत्वपूर्ण काम नहीं किया गया, “न ही कागज पर”। उनका कहना है कि पहले सरकार को यमुना की सफाई के बारे में सोचने की भी जरूरत नहीं लगी।
केंद्र सरकार का समर्थन-
वर्मा ने यह भी खुलासा किया कि अब न सिर्फ दिल्ली सरकार बल्कि प्रधानमंत्री कार्यालय भी यमुना सफाई अभियान में सक्रिय है। यह दर्शाता है कि इस मिशन में केंद्र और राज्य सरकार दोनों गंभीर हैं।
भारतीय जनता पार्टी का वादा-
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि यमुना की सफाई भाजपा के हाल ही में संपन्न दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रमुख वादों में से एक था। अब सरकार उस वादे को पूरा करने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है।
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एक आशा का संदेश-
यमुना की सफाई सिर्फ एक पर्यावरणीय मुद्दा नहीं है, बल्कि एक सामाजिक जिम्मेदारी भी है। पर्वेश वर्मा के नेतृत्व में शुरू हुआ यह अभियान उम्मीद जगाता है कि हम अपनी नदियों को बचा सकते हैं और उन्हें नया जीवन दे सकते हैं।
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