Delhi Airport: रविवार का दिन आमतौर पर यात्रियों के लिए व्यस्त होता है। सप्ताह के अन्य दिनों की तुलना में रविवार को ट्रेन हो या विमान, हर जगह यात्रियों की भीड़ अधिक देखी जाती है। लेकिन इस रविवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यात्रा करने वालों को विशेष परेशानियों का सामना करना पड़ा। एयरपोर्ट पर न सिर्फ टेकऑफ बल्कि लैंडिंग करने वाली फ्लाइट्स भी देरी से संचालित हुईं, जिससे हजारों यात्रियों की यात्रा योजनाएं प्रभावित हुईं।
Delhi Airport साफ मौसम के बावजूद हुई देरी-
आमतौर पर, खराब मौसम जैसे कोहरा, बारिश या तेज हवाएं चलने पर विमानों के परिचालन में देरी होती है। लेकिन रविवार को दिल्ली में मौसम साफ होने के बावजूद यात्रियों को फ्लाइट्स की देरी का सामना करना पड़ा। एयरपोर्ट के वेटिंग एरिया में लंबी कतारें, चिंतित चेहरे और अपने कनेक्टिंग फ्लाइट्स के बारे में पूछताछ करते यात्री देखे गए। कई यात्री अपने महत्वपूर्ण मीटिंग्स और इवेंट्स मिस होने की चिंता में थे, जबकि कुछ अपने परिवार के साथ योजनाबद्ध छुट्टियों को लेकर परेशान दिखे।
Delhi Airport रनवे की मरम्मत थी मुख्य कारण-
दरअसल, इस परेशानी का मुख्य कारण दिल्ली हवाई अड्डे पर एक रनवे का मरम्मत के लिए बंद होना था। इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कुल तीन रनवे हैं, जिनमें से एक रनवे पर आवश्यक मरम्मत कार्य चल रहा था। अधिकारियों का कहना है कि यह मरम्मत कार्य नियमित रखरखाव का हिस्सा था, जिसे सुरक्षा मानकों को बनाए रखने के लिए आवश्यक रूप से पूरा किया जाना था।
जब एक रनवे बंद हो जाता है, तो विमानों के उड़ान भरने और उतरने के लिए उपलब्ध रनवे की संख्या कम हो जाती है, जिससे हवाई यातायात प्रबंधन में चुनौतियां आती हैं। एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार, इस रविवार को सिर्फ एक ही रनवे का इस्तेमाल किया जा रहा था, जिससे फ्लाइट्स के टेक-ऑफ और लैंडिंग में काफी देरी हुई।
Delhi Airport हवा की दिशा ने बढ़ाई मुश्किलें-
रनवे की मरम्मत के अलावा, एक और महत्वपूर्ण कारण जिसने स्थिति को और जटिल बना दिया, वह था हवा की दिशा में अचानक बदलाव। एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि दिन के दौरान पूर्वी हवाओं की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसने विमानों के उड़ान पैटर्न को प्रभावित किया। विमानों को हवा की दिशा के अनुसार उड़ान भरनी और उतरना होता है, और जब हवा की दिशा बदलती है, तो उड़ान पैटर्न में भी बदलाव करना पड़ता है, जिससे देरी होती है।
यात्रियों को हुई परेशानी-
एयरपोर्ट पर मौजूद यात्री मनीष शर्मा ने बताया, “मेरी फ्लाइट पहले से ही एक घंटे लेट थी और बोर्डिंग के समय हमें बताया गया कि एक और घंटे की देरी होगी। मेरी मुंबई में एक महत्वपूर्ण बिजनेस मीटिंग थी जिसे अब रीशेड्यूल करना पड़ेगा।”
एक अन्य यात्री सोनाली गुप्ता ने कहा, “हम परिवार के साथ गोवा जा रहे थे। बच्चे काफी परेशान हो गए हैं और हमारा पहला दिन का प्लान पूरी तरह बिगड़ गया है। एयरलाइन्स को ऐसी स्थिति के लिए पहले से ही यात्रियों को सूचित करना चाहिए था।”
औसत देरी का समय-
एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली में औसत लैंडिंग देरी 53 मिनट दर्ज की गई, जबकि टेक-ऑफ में औसतन 40 मिनट की देरी हुई। कुछ विमानों को तो दो घंटे से अधिक समय तक प्रतीक्षा करनी पड़ी, जिससे यात्रियों के कनेक्टिंग फ्लाइट्स भी मिस हो गए।
एक एयरलाइन के ग्राउंड स्टाफ ने अपना नाम न बताने की शर्त पर कहा, “ऐसी स्थिति में हम भी असहाय होते हैं। रनवे की उपलब्धता और एयर ट्रैफिक कंट्रोल के निर्देशों के अनुसार ही हम संचालन कर सकते हैं। हमारे स्टाफ भी लगातार यात्रियों के सवालों और शिकायतों से जूझ रहे हैं।”
एयरपोर्ट अधॉरिटी का बयान-
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हम यात्रियों की असुविधा के लिए खेद व्यक्त करते हैं। रनवे की मरम्मत एक नियोजित कार्य था, लेकिन हवा की दिशा में अचानक बदलाव अप्रत्याशित था। हम एयर ट्रैफिक कंट्रोल और सभी हितधारकों के साथ मिलकर स्थिति को सामान्य बनाने के लिए प्रयासरत हैं।”
उन्होंने आगे बताया कि रनवे पर मरम्मत कार्य जल्द ही पूरा हो जाएगा और परिचालन फिर से सामान्य हो जाएगा। इसके अलावा, एयरपोर्ट प्रशासन ने सभी एयरलाइन्स को निर्देश दिया है कि वे अपने यात्रियों को समय पर सूचित करें और उनकी सहायता के लिए अतिरिक्त स्टाफ तैनात करें।
ऐसी स्थिति से निपटने के लिए प्लान-
DIAL के अधिकारी ने बताया कि भविष्य में ऐसी स्थिति से बेहतर तरीके से निपटने के लिए वे एक विस्तृत योजना तैयार कर रहे हैं। इसमें रनवे के रखरखाव कार्य के दौरान अतिरिक्त संसाधनों की तैनाती, बेहतर समन्वय और यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था शामिल है।
उन्होंने यह भी बताया कि वे एक ऐसी प्रणाली विकसित कर रहे हैं जिससे यात्रियों को रियल-टाइम अपडेट मिल सके और वे अपनी यात्रा की योजना तदनुसार बना सकें। इसके अलावा, एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि देरी के दौरान उन्हें कम से कम असुविधा हो।
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इस घटना से यह सवाल भी उठता है कि क्या दिल्ली जैसे व्यस्त हवाई अड्डे पर एक अतिरिक्त रनवे की आवश्यकता है, जिससे मरम्मत कार्य के दौरान भी यात्रियों को परेशानी न हो। विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ती हवाई यातायात के साथ, हवाई अड्डों के बुनियादी ढांचे का विस्तार और आधुनिकीकरण अत्यंत महत्वपूर्ण है। अंत में, यात्रियों से अनुरोध है कि वे हवाई यात्रा से पहले अपनी फ्लाइट की स्थिति की जांच अवश्य करें और किसी भी तरह की देरी के लिए अपनी यात्रा योजना में कुछ अतिरिक्त समय रखें, विशेषकर व्यस्त दिनों जैसे रविवार पर।
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